बिहार की राजधानी पटना के एक बड़े प्राइवेट अस्पताल में दिनदहाड़े एक व्यक्ति की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी जाती है। गोलियों की तड़तड़ाहट ऐसी होती है कि पूरा प्रदेश उसकी आवाज सुनता है। दरअसल जिस व्यक्ति की गोली मारकर हत्या की गई वो कोई सामान्य आदमी नहीं बल्कि एक कुख्यात अपराधी था। नाम है उसका चंदन मिश्रा। बक्सर का रहने वाले चंदन मिश्रा पर एक दो नहीं बल्कि दर्जनों से अधिक हत्या-अपहरण के मामले दर्ज हैं। वर्तमान में वो जेल से पैरोल पर बाहर था।

पटना की बेऊर जेल में बंद चंदन कुछ समय पहले ही पैरोल पर बाहर आया था। जिसके बाद कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर वो पटना के मशहूर पारस अस्पताल में इलाज कराने के लिए भर्ती हुआ। बस फिर क्या था, इस बात की भनक उसकी हत्या की तैयार कर बैठे दूसरे अपराधियों को हुई। इस मौके का फायदा उठाकर बदमाश हॉस्पिटल पहुंचे और चंदन मिश्रा को गोलियों से भून दिया।

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चूना कारोबारी हत्याकांड में हुई थी उम्रकैद

साल था 2011, तारीख थी 21 अगस्त। बक्सर के चूना कारोबारी राजेंद्र केसरी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड में केसरी के घरवालों ने कुख्यात चंदन मिश्रा और शेरू सिंह समेत कई अन्य अपराधियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। चंदन और शेरू को पुलिस ने बंगाल से गिरफ्तार किया। इस मामले में जब शेरू को कोर्ट में पेश किया जा रहा था उसी दौरान मौका पाकर उसने पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी और वहां से फरार हो गया। हालांकि बाद में पकड़े जाने पर जिला कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई। जबकि चंदन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

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चूना कारोबारी की हत्या के पहले चंदन मिश्रा और शेरू सिंह ने धोबी घाट इलाके में एक जेल कर्मी की हत्या कर दी थी। जेल कर्मी हैदर इमाम की हत्या मामले में दोनों को पुलिस ने आरोपी बनाया। दोनों इस मामले में लंबे समय तक जेल में रहे लेकिन बाद में अपराध सिद्ध नहीं हो पाने की स्थिति में इस मामले में दोनों बरी हुए। हालांकि अन्य मामलों के तहत वो दोनों जेल में ही रहे।

शेरू और चंदन दोनों साल 2009 से 2012 के बीच करीब डेढ़ दर्जन से अधिक आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था। दोनों की गिरफ्तारी के बाद भी उसके गिरोह का आतंक खत्म नहीं हो रहा था। दोनों जेल के भीतर से ही आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिलवा रहे थे। हालांकि साल 2015 में दोनों को विधानसभा चुनाव के दौरान सुरक्षा के दृष्टिकोण से बक्सर से भागलपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया।