खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह को 36 दिन बाद रविवार (23 अप्रैल, 2023) को पंजाब के मोगा जिले के रोडे गांव से गिरफ्तार कर लिया गया। कभी वेश बदलर, तो कभी गाड़ी बदलकर चकमा देने और दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी, उत्तराखंड से लेकर जम्मू-कश्मीर तक अलग-अलग ठिकाने बदलने के बाद आखिरकार वह पुलिस के शिकंजे में आ गया। पॉलीटेकनिक कॉलेज ड्रॉपआउट और वेल-टू-डू पंजाबी जाट परिवार से ताल्लुक रखने वाला अमृतपाल आज सलाखों के पीछे है। आइए जानते हैं 18 महीनों में कैसे पुलिस की लिस्ट में आया गया एक ट्रक ड्राइवर-
अमृतपाल दुबई में अपनी फैमिली का ट्रांसपोर्ट बिजनेस संभालता था और यहां वह एक ट्रक ड्राइवर था। दुबई में रहते हुए वह ClubHouse पर एक ऑडियो रूम का हिस्सा बना। इस ऑडियो रूम को एक्टर दीप सिद्धू ने शुरू किया था। कुछ लोगों के उकसाने पर अमृतपाल ने भी ऑडियो रूम में बोलना शुरू कर दिया, लेकिन सिद्धू ने उसे ब्लॉक कर दिया क्योंकि वह ज्यादातर खालिस्तान के मुद्दे पर बोलता था। फरवरी 2022 में सिद्धू के मरने तक अमृतपाल इस ऑडियो रूम से ब्लॉक रहा। दीप सिद्धू की दुर्घटना में मौत के बाद अमृतपाल वारिस पंजाब दे ग्रुप का प्रमुख बन गया।
सितंबर, 2022 में वह पंजाब में अपने गांव जुल्लूपुर खेड़ा वापस लौटा और 25 सितंबर को कई सिख युवकों के साथ आनंदपुर गुरुद्वारे पहुंचा और सिख धर्म की दीक्षा ली। इसके 4 दिन बाद उसकी भिंड़रवाले के गांव रोड़े में दस्तराबंदी रस्म (पगड़ी पहनने की रस्म) हुई। इस दौरान, जब अमृतपाल ने सफेद कुर्ता और नीली पगड़ी पहनी, तो वह सुर्खियों में आ गया और सोशल मीडिया पर उसे भिंडरवाले 2.0 कहा जाने लगा। वह उसी लुक में नजर आया, जिस तरह भिंडरवाले रहा करता था। उस समय अमृतपाल की गतिविधियों पर नजर रख रहे खुफिया जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि उसने भिंडरावाले जैसा लुक बनाया और उसी तरह बातें करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि उसे देखकर ऐसा महसूसू हो रहा था, जैसे उसने भिंडरवाले के वीडियो देखे हैं और उसका अनुसरण करने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने यह भी बताया कि भारत लौटने से पहले अमृतपाल ने एक महीने के लिए जॉर्जिया में कुछ ट्रेनिंग भी ली थी। सुरक्षा एजेंसियां लगातार उस पर नजर रख रही थीं। हालांकि, सरकारी पदाधिकारियों ने उसके खिलाफ कार्रवाई से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि ऐसा करने से वह युवाओं के बीच वह एक नायक बन जाएगा इसलिए उसकी उपस्थिति पर ध्यान ना दिया जाए, यही अच्छा है।
नवंबर, 2022 में अमृतपाल ने अकाल तख्त से खालसा वहीर नाम से एक मार्च निकाला, जिसे मुक्तसर में समाप्त किया गया। उसका कहना था कि वह इसके जरिए लोगों में सिख धर्म और उसके नियमों को लेकर जागरूकता फैलाना चाहता है। उन्होंने बैसाखी पर दमदम साहिब में इसे समाप्त करने के लिए मार्च के दूसरे चरण की योजना बनाई थी, जो 18 मार्च को पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की डेथ एनवर्सरी पर समाप्त होना था। अमृतपाल की शुरुआती वीडियो में देखा गया है कि वह इनमें ईसाई धर्म अपना चुके सिखों को घर वापसी के लिए उकसा रहा है। इस दौरान उसने जिसस क्राइस्ट को लेकर भी बयानबाजी की। इसके चलते ही जालंधर में ईसाईयों ने उसके खिलाफ बड़ा प्रदर्शन भी किया।
इसके बाद धीरे-धीरे उसके भाषण अलग राज्य के मुद्दे पर केंद्रित होने लगे। 21 फरवरी को उसने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का जिक्र करते हुए कहा था कि भाजपा नेता का हश्र पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी जैसा हो सकता है, जिनकी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद, वह राज्य में उग्रवाद के दिनों में अपराधिक गतिविधियों के चलते जेलों में बंद सिख कैदियों की रिहाई की मांग करने लगा। इस बीच, विपक्षी दलों ने उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग शुरू कर दी थी कि वह सीमावर्ती राज्य में उग्रवाद को फिर से भड़का सकता है।
अपने एक सहयोगी की रिहाई की मांग करते हुए 23 फरवरी को अजनाला पुलिस स्टेशन के बाहर अमृतपाल के समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। इसी दौरान, वह गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी लेकर यहां पहुंचा। इसे लेकर अकाल तख्त और आम जनता ने उसके खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी।
19 मार्च को, जब वह खालसा वहीर का दूसरा चरण शुरू करने वाला था उससे एक दिन पहले ही पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। हालांकि, वह वाहनों और अपने लुक को बदलकर पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा, लेकिन उसे 36 दिन बाद रविवार को रोडे से गिरफ्तार कर लिया गया। अमृतपाल ने 12 वीं तक पढ़ाई की है, और पढ़ाई छोड़ने से पहले वह कपूरथला में डिप्लोमा कर रहा था। अमृतसर जुल्लूपुर खेड़ा गांव के संधू जाट सिख परिवार से है। उसके पिता तरसेम सिंह और चाचा हरजीत सिंह ट्रांसपोर्ट बिजनेस संधू कार्गो ट्रांसपोर्ट चलाते हैं और विदेश यात्रा करते रहते हैं। अमृतपाल ने हाल ही में 10 फरवरी को एक ब्रिटिश नागरिक किरणदीप कौर से शादी की, लेकिन सार्वजनिक डोमेन में अपनी तस्वीरों को यह कहते हुए साझा नहीं किया कि उसे अपने परिवार की सुरक्षा का पूरा अधिकार है। उस पर कार्रवाई के बाद ही उसके परिवार के लोगों की तस्वीरें सार्वजनिक हुईं।