लोकसभा चुनाव के लिए दक्षिण का किला भेदने की तैयारी में लगी भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को बीते साल घर पर खाना खिलाने वाले भूमिहीन किसान ने बीजू जनता दल का दामन थाम लिया है। शाह ने यहीं से मिशन 120 की शुरूआत की थी। किसान को बीजेडी ने उसे घर देने के वादे के साथ पार्टी की सदस्यता दिलाई है।

ओड़िशा के कुकुदाखांडी ब्लॉक के अन्तर्गत आने वाले हुगलपटा गांव के 45 वर्षीय किसान नबीन स्वांई ने अमित शाह को उस वक्त खाना खिलाया था, जब वो जिले में ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कार्यक्रम के तहत आए थे। भाजपा अध्यक्ष शाह के दौरे के काफी समय बीतने के बाद भी किसान की परेशानियां दूर नहीं हुईं। इस बारे में किसान का कहना है कि, ‘शाह के दौरे के बाद भी मेरी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। मेरे पास रहने को घर नहीं है, इसलिए मुझे घर देने का आश्वासन दियान गया था। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।’

किसान नबीन ने आगे कहा, ‘राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा विकास को तवज्जो देने के चलते ही मैंने बीजू जनता दल में जाने का फैसला किया। नबीन ने कहा, पटनायक ने मेरे लिए बीजू पक्का घर योजनान के तहत एक घर और राशन कार्ड बनाने के आदेश दे दिए हैं। इसके लिए मैं उनका शुक्रगुजार हूं।’

नबीन अभी जहां अपने परिवार के साथ गुजारा कर रहे हैं, वहां बिजली का कनेक्शन तक नहीं है। उनके तीनों बेटे मिट्टी के तेल से जलने वाली लालटेन में पढ़ाई करते हैं। उसकी पत्नी सुदेशना भी दूसरे के खेतों में काम करती हैं। जबकि उनके 79 साल के पिता चौकीदारी करते हैं। इस काम से वह 500 रुपए महीना ही कमा पाते हैं।

इससे पहले भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। बंगाल के नक्सलबाड़ी क्षेत्र में भी अमित शाह ने लंच किया था। शाह को लंच कराने वाले राजू महली और गीता महली ने बाद में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी।