बिहार के लखीसराय में स्पीकर के करीबी व्यक्ति के खिलाफ पुलिस के रवैए को लेकर स्पीकर ने शिकायत दर्ज कराई थी। स्पीकर ने इस पूरे मामले पर कहा था कि पुलिस सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। जिसके बाद बिहार विधानसभा में भी मुद्दा उठा और सीएम नीतीश कुमार इसी मुद्दे को लेकर विधानसभा में स्पीकर पर ही भड़क गए। मुख्यमंत्री ने यहां तक कह दिया कि एक ही मामले को बार-बार उठाने का क्या मतलब है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में स्पीकर पर भड़कते हुए कहा कि, “जब इंक्वायरी हो रही है और इंक्वायरी की रिपोर्ट से सिर्फ आपको मतलब है या फिर इंक्वायरी की रिपोर्ट कोर्ट को जाएगी? सिस्टम संविधान से चलता है, मुझे बड़ी तकलीफ हुई है। मैं इसलिए जानबूझकर पहले आकर सब कुछ सुन रहा था। इस तरीके से नहीं चलेगा। इसका मतलब यह हुआ कि आप संविधान का खुला उल्लंघन कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री के बयान के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि पुलिस द्वारा लखीसराय घटना की खानापूर्ति की जा रही है। जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री हमसे ज्यादा जानते हैं, मैं आपसे सीखता हूं। इस मामले को लेकर सदन में तीन बार हंगामा हो चुका है। जब भी क्षेत्र में जाते हैं तो लोग सवाल पूछते हैं कि थाना प्रभारी और डीएसपी की बात नहीं कह पा रहे हैं?
वहीं इस मामले को लेकर आरजेडी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। आरजेडी के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा गया कि, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ग़ुस्से से आग बबूला होते हुए भाजपा के बिहार विधानसभा अध्यक्ष और आसन को अपमानित करते हुए कहा से कि आप कौन होते है? संविधान पढ़िए। सभापति- आप ही बतायिये कैसे सदन चलेगा? हमें अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाकर एक दरोगा-सिपाही से बेइज्जत कराइयेगा। NDA का सर्कस।”
क्या है मामला?: लखीसराय में सरस्वती पूजा के दौरान कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया था। जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था वह स्पीकर का करीबी व्यक्ति बताया जाता है, जिसको लेकर स्पीकर ने पुलिस से नाराजगी जताई है। इस मामले में अभी तक कार्यवाही नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।