चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को छोड़कर पंजाब सरकार ने तीन सितंबर तक अपने क्लास वन, टू और थ्री कर्मचारियों को सैलरी नहीं दी है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, लोकसभा चुनाव के बाद फाइनेंस डिपार्टमेंट ने राज्य के सीएम भगवंत मान को एक प्रेजेंटेशन दी थी। इसमें यह हाईलाइट करने की कोशिश की गई थी कि पंजाब सरकार को केंद्र के पास लंबित उसका बकाया प्राप्त करने के लिए कुछ ठोस कदम नहीं उठाए गए तो वह अपने कर्मचारियों को अगस्त का वेतन नहीं दे पाएगी।

पंजाब सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि HRMS सॉफ्टवेयर में टेक्निकल दिक्कत की वजह से कर्मचारियों की सैलरी क्रेडिट नहीं की जा सकीं। इस सॉफ्टवेयर के जरिए कर्मचारियों की सैलरी औऱ पेंशन उनके अकाउंट में दी जाती है। उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा और कोई इशू नहीं है। हमारे पास फंड है। हम सैलरी इसलिए नहीं दे पाए क्योंकि हम टेक्निकल समस्या दूर नहीं कर पाए। महीने का पहला दिन संडे था। सैलरी देने में सिर्फ दो दिन की देरी हुई है। बुधवार तक सैलरी कर्मचारियों के बैंक अकाउंट में क्रेडिट कर दी जाएंगी।

‘फंड की कमी की वजह से बहाना बना रही है सरकार’

द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पंजाब गर्वनमेंट इंप्लॉइज एसोसिएशन में पदाधिकारी सुखचैन सिंह खैरा ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि हमें मंगलवार तक सैलरी नहीं मिलीं। जब भी फंड का इशू होता है तो ये लोग टेक्निकल समस्या का बहाना बनाते हैं। हम इंतजार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को फंड की कमी की समस्या के बारे में पहले ही चेताया गया था। उन्होंने कहा कि अगर टेक्निकल समस्या होती तो चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को सैलरी कैसे दे दी गई।

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चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सैलरी देने पर क्या बोली सरकार?

द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें सैलरी इसलिए दे दी गई हैं क्योंकि वो कम पैसा कमाते हैं, जिससे उनके घर चलाने में कठिनाई आ सकती है। आपको बता दें कि पंजाब सरकार को हर महीने सैलरी के रुप में करीब 2,916 करोड़ रुपये देने होते हैं। बजट में सरकार ने सिर्फ सैलरी देने के लिए 35,167 रुपये का प्रावधान किया है। राज्य सरकार पेंशन और रिट्रायल बेनिफिट्स के रूप में 19,800 करोड़ रुपये देती है।