Etawah Kathavachak Mukut Mani News: कथावाचक मुकुट मणि को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को दांदरपुर पहुंची पुलिस टीम पर अहीर रेजिमेंट के लोगों ने हमला कर दिया और जमकर बवाल काटा गया। पुलिस की कुछ गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा। इस वजह से जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 12 लोगों को हिरासत में लिया।

पूरा विवाद शुरू कैसे हुआ?

अब सवाल उठता है आखिर यह पूरा मामला है क्या? कथावाचक मुकुट मणि किस वजह से विवादों में आ गए हैं? जानकारी के लिए बता दें कि यह विवाद उस समय शुरू हुआ था जब कथावाचक मुकुट एक ब्राह्मण परिवार में कथा करने के लिए चले गए थे। बाद में कथावाचक और उनके सहयोगियों पर आयोजक की पत्नी ने गंभीर आरोप लगा दिए, यहां तक कहा गया कि उन्हें गलत तरीके से छूने की कोशिश हुई। उन आरोपों के आधार पर ही कथावाचक और उनके सहयोगियों की दूसरे लोगों ने पिटाई कर दी, चोटी भी काटी और सिर मुंडवा दिया।

यह विवाद उस समय और ज्यादा बढ़ गया जब दावा किया गया कि कथावाचक ब्राह्मण नहीं बल्कि यादव समाज से ताल्लुक रखते थे। इसे लेकर कथा का आयोजन करने वाले जय प्रकाश तिवारी ने मुकुट मणि और उसके दूसरे साथी संत कुमार के खिलाफ बकेवर थाने में एक शिकायत दर्ज करवा दी। उन्होंने आरोप लगाया कि कथावाचक की तरफ से ना सिर्फ अपनी पहचान छिपाई गई बल्कि खुद को गलत तरीके से ब्राह्मण भी बताया गया।

दो थ्योरी, दो आरोप- कौन सही कौन गलत?

अब इस मामले में समझने वाली बात यह है कि सिर्फ कथा आयोजन करने वाले लोगों ने शिकायत दर्ज नहीं करवाई है बल्कि क्योंकि इसी मामले में मारपीट भी हुई, चोटी भी काटी गई, ऐसे में कथावाचक और उनके समर्थकों ने भी एक एफआईआर दर्ज करवाई। उसमें मारपीट का आरोप लगाया गया और चार लोगों की गिरफ्तारी भी हुई। अब पुलिस के उस एक्शन से ब्राह्मण समाज में आक्रोश फैल गया और उन्होंने इसे एकतरफा कार्रवाई करार दिया।

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अब इस बीच गुरुवार को दांदरपुर गांव में कथावाचक मुकुट मणि के समर्थन में अहीर रेजिमेंट और यादव संगठन के लोगों ने जमकर बवाल काटा। उनकी तरफ से पुलिस के खिलाफ भी नारेबाजी हुई, अपील की गई कि कथावाचक पर जितनी भी शिकायतें दर्ज हुई हैं, वो सभी तुरंत वापस ली जाएं।

मामले को लेकर राजनीति, अखिलेश बनाम योगी

इस मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कथावाचक का समर्थन किया है और योगी सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं। इस बात पर आपत्ति जता दी गई है कि क्या यादव जाति का कोई शख्स कथा नहीं पड़ सकता। अभी के लिए इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कठोर कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश में जातीय द्वेष पैदा करने की कोशिश हो रही है। उनकी तरफ से सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि भी ऐसे किसी भी मामले में लापरवाही न बरती जाए।

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