उत्तर प्रदेश में बीजेपी को लोकसभा चुनाव के दौरान हुए नुकसान की चर्चा अभी भी जारी है। खुद बीजेपी के भीतर पार्टी आलकमान हार के कारणों की समीक्षा में जुटा है। लोकसभा चुनाव-2019 में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में 62 सीटें मिली थीं लेकिन यहा आंकड़ा 2024 में महज 33 रह गया। जबकि बीजेपी ने यह अनुमान लगाया था कि पार्टी इस बार पिछले चुनावों से बेहतर प्रदर्शन करने वाली है। ऐसा नहीं हुआ और अब संगठन के महामंत्री बीएल संतोष ने लखनऊ पहुंच कर दो दिन तक पार्टी नेताओं के साथ बातचीत की और हार की समीक्षा पर रिपोर्ट बनाई है। इस दौरान पार्टी नेताओं ने हार के कई कारण भी गिनाए।
बीएल संतोष ने बनाई रिपोर्ट : क्या कहा?
पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष की मौजूदगी में पार्टी के नेताओं ने हार की कई बड़ी वजह गिनाई। जिनमें से एक महत्वपूर्ण वजह मौजूदा सांसदों के खिलाफ नाराजगी को बताया गया। कहा गया कि पार्टी के कार्यकर्ता कई बार से मैदान में उतारे जा रहे नेताओं से परेशान थे। इसलिए ग्राउंड पर उस तरह से काम नहीं हो पाया और कार्यकर्ताओं की उत्सुकता कम थी।
आरक्षण की बहस का असर
पार्टी नेताओं ने एक और कारण चुनाव के दौरान हुई आरक्षण की बहस और संविधान खत्म किए जाने की चर्चा को बताया। कहा गया कि विपक्ष ने जब आरक्षण का मुद्दा उठाया गया तो हम (बीजेपी) इसका काट नहीं दे सके। जिससे वोटरों का एक बड़ा तबका बीजेपी से खिसक गया। बैठक में कहा गया कि गैर-यादव ओबीसी और गैर जाटव वोटों का एक बड़ा हिस्सा बीजेपी के हाथ से छिटक गया, जिससे बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ। इस दौरान बीएल संतोष ने बीजेपी के दलित नेताओं से भी मीटिंग की और हार के कारणों पर चर्चा की।
बीएल संतोष ने बनाई रिपोर्ट
बीजेपी के महामंत्री बीएल संतोष के सामने इसके अलावा भी कई मुद्दे आए। जिनपर प्रमुखता से चर्चा हुई। वह अब रिपोर्ट के ज़रिए पार्टी आलाकमान के साथ बैठक कर सकते हैं। उनके सामने संगठन के भीतर मनमुटाव और स्थानीय नेताओं के बीच दिक्कतों से जुड़े मामले भी सामने आए जिसपर बीएल संतोष ने कुछ कहा नहीं।