पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के लिए खड़गपुर पहुंचे केंद्रीय रेलमंत्री और भाजपा नेता पीयूष गोयल ने कहा कि हमारे ट्रैक मैन, मेंटेनेंस और सिंगनलिंग के लोगों के प्रयासों से पिछले 2 सालों में भारतीय रेल में एक भी यात्री की मृत्यु रेलवे दुर्घटना से नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे रेलवे के कर्मचारियों ने दिन रात एक करके लॉकडाउन के बीच में भी जनता की सेवा की। उन्होंने देशभर में किसानों के लिए खाद पहुंचाया, गरीबों के लिए अनाज पहुंचाया, बिजली घरों को कोयला पहुंचाया, सबके लिए दवाइयां पहुंचाई।

मंगलवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि भारतीय रेलवे राष्ट्र और यहां के लोगो की संपत्ति है। कोई भी इसे छू नहीं सकता और इसका निजीकरण कभी नहीं होगा। विपक्ष के दुष्प्रचार में ना फंसे। यह आपकी संपत्ति है और आपकी ही रहेगी।”

केंद्रीय मंत्री ने कोरोना महामारी के दौरान रेल द्वारा की गई माल ढुलाई का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “आप सब इस बात पर गर्व कर सकते हैं कि कोविड के बावजूद 2020-21 में हमने इतिहास रचा। रेलवे के 168 साल के अपने इतिहास में मालगाड़ी ने सबसे ज्यादा माल अगर ढोया है, तो इस कोविड के साल में ढोया है।”

रेलवे माल ढुलाई से होने वाली आय में 22 मार्च तक पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 1,868 करोड़ रुपये (करीब दो प्रतिशत) की वृद्धि करने में सफल रहा है। हालांकि यह सिर्फ दो प्रतिशत की वृद्धि है, लेकिन इससे कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन की समस्या से उबरने में काफी सहायता मिली है।

रेलवे के यात्री मद से होने वाली आय की जहां तक बात है तो पिछले वित्तवर्ष (20019-20) में यह 53,525.57 करोड़ रुपये रही, जो चालू वित्तवर्ष (2020-21) में घटकर 15,507.68 करोड़ रह गई। यह पिछले साल के मुकाबले 71.03 प्रतिशत कम है। आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 में यात्री भाड़े से 12,409.49 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह राशि 48,809.40 करोड़ रुपये थी।