तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन पिछले सात महीने से लगातार जारी है। इस दौरान किसान आंदोलन से जुड़े तमाम संगठनों में से कई अब खुद को अलग कर लिए हैं। कुछ दूसरे संगठनों की सक्रियता अब पहले जैसी नहीं रही है। कुछ और नेता हैं, जो बाहर से समर्थन कर रहे हैं। इन सबके बावजूद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत अभी तक जमे हुए हैं और दावा कर रहे हैं कि जब तक कृषि कानून पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता है, तब तक वे नहीं हटेंगे।

इस बीच मंगलवार को दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर डेरा डाले आंदोलनकारियों के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और अब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा पहुंचे और अपना समर्थन जताया। उन्होंने कहा कि वे यहां “अपने राष्ट्र मंच और अपनी पार्टी टीएमसी की ओर से किसानों के आंदोलन का समर्थन करने आए हैं।” उन्होंने कहा कि आंदोलन जारी रहना चाहिए। देश में बहुत सारे आंदोलन चल रहे हैं, और शांतिपूर्ण आंदोलन से ही अपनी मांगे मनवाई जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि वे और उनकी पार्टी पूरी तरह से और मजबूती से किसानों के साथ है।

उनके साथ मौजूद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, “यशवंत जी हमारे समर्थक ही नहीं, हमारे गुरु भी हैं। उनके पास वे सारे गुण है, जिससे सरकार से अपनी मांगे मनवाई जा सकें। उनसे हम लोग ये गुण सीख रहे हैं।” उन्होंने कहा कि दिल्ली में तमाम आंदोलन चल रहे हैं, वे उनके प्रेरणास्रोत बनेंगे। आंदोलन चाहे बेरोजगारों का हो, छात्रों का हो या फिर किसानों का हो, सभी जगह संघर्ष करना और जूझना पड़ता है। कहा कि दिल्ली में ट्रैक्टर चलेंगे।

राकेश टिकैत बोले, “हम तो सरकार से एक लाख ट्रैक्टर चलाने की अनुमति मांग रहे हैं, जब शहर में विंटेज कार रैली हो सकती है तो ट्रैक्टर रैली क्यों नहीं हो सकती है? हम ट्रैक्टर रैली जरूर निकालेंगे।”

यशवंत सिन्हा ने कहा कि उनका संगठन राष्ट्र मंच एक गैर राजनीतिक संगठन है। इसमें राजनीति से जुडे़ लोग भी हैं और गैर राजनीतिक लोग भी हैं। सब लोग मिलकर इस मंच के माध्यम से जनता की आवाज बनने का काम करेंगे।