पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों की हिंसा अभी थमती नजर नहीं आ रही है। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भाजपा की चुनी हुई पंचायत सदस्य के तीन साल के बेटे के सिर में गोली मार दी गई। ये पंचायत सदस्य बाद में तृणमूल कांग्रेस से मिल गई थी। पुलिस के मुताबिक, ये वारदात उस वक्त हुई जब जिले के मानिकचक इलाके में पंचायत बोर्ड के गठन को लेकर दोनों पार्टियों के बीच में संघर्ष चल रहा था। न्यूज18 की खबर के मुताबिक, बच्चे की पहचान मृणाल के तौर पर हुई है। वह भाजपा के टिकट पर मानिकचक गांव से चुनाव जीतने वाली पुतुल मंडल का बेटा है। आरोप है कि 28 और 29 अगस्त को मानिकचक ग्राम पंचायत के चुनावों में जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने कथित तौर पुतुल मंडल को पैसे देकर अपनी तरफ मिला लिया था।
West Bengal: A 3-year-old was shot during clashes that erupted in Malda yesterday over the issue of formation of Panchayat boards. The child is admitted to a hospital in Malda where he is undergoing treatment. (30 August) pic.twitter.com/5nIkXIhgvf
— ANI (@ANI) August 31, 2018
भाजपा ने इस चुनाव में 10 सीटें जीती हैं। जबकि तृणमूल कांग्रेस को सिर्फ 6 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है। एक सीट कांग्रेस और अन्य निर्दलीय उम्मीदवार ने भी जीती है। पंचायत के प्रधान और डिप्टी प्रधान के चुनाव के दौरान भाजपा और तृणमूल कांग्रेस, दोनों को ही नौ—नौ वोट मिले। लेकिन बाद में लॉटरी सिस्टम से निकाले गए अंतिम नतीजों में दोनों ही पद भाजपा जीत गई।
एक भाजपा नेता ने दावा किया कि तृणमूल ने कथित तौर पर पुतुल मंडल से वादा किया था कि उसे अपनी निष्ठा बदलने के बदले में 5-7 लाख रुपये दिए जाएंगे। लेकिन जब वह पैसे मांगने के लिए गई तो उसे मना कर दिया गया क्योंकि तृणमूल कांग्रेस बोर्ड के गठन में कामयाब नहीं हो पाई थी। इस वारदात के बाद भाजपा और तृणमूल दोनों ने ही एक—दूसरे के खिलाफ जुबानी मोर्चा खोल दिया है। दोनों ही एक—दूसरे पर हमला करवाने का आरोप लगा रहे हैं। जबकि अस्पताल में भर्ती बच्चे की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
मंगलवार को, पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में पंचायत बोर्ड के गठन पर कई गुटों में संघर्ष हुआ था। इस संघर्ष में तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी और 17 लोग घायल हुए थे। जबकि 27 अगस्त को, मालदा में दो लोगों की हत्या हुई थी और चार घायल हुए थे। हिंसा की इन घटनाओं के पीछे का कारण पंचायत बोर्ड के गठन के दौरान हुआ संघर्ष था। हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।