साल 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। राजनीतिक दल एक—दूसरे पर निशाना साधने का कोई भी मौका चूकने के लिए तैयार नहीं हैं। बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सक्रियता दिनों—दिन बढ़ रही है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में मुकाबला भाजपा बनाम सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस होने की उम्मीद है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि उनका मकसद पश्चिम बंगाल में 22 से ज्यादा सीटें जीतने का है। लेकिन शाह के इस बयान पर तृणमूल कांग्रेस ने जवाबी पलटवार किया है।
मंगलवार (28 अगस्त) को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस ने रैली का आयोजन किया था। इस रैली को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने अमित शाह को खुली चुनौती दी। उन्होंने कहा कि वो कहते हैं कि वे यहां 22 सीटें जीतेंगे, मैं उन्हें चुनौती देता हू्ं कि वे यहां 22 बूथ भी जीत कर दिखा दें।
भतीजे अभिषेक बनर्जी के बाद इस रैली को सीएम ममता बनर्जी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अभी तक किसी को नोटबंदी के नतीजे की कोई जानकारी नहीं है। रुपया अभी तक के सबसे निचले स्तर पर जा चुका है। ममता बनर्जी ने भाजपा के 22 से ज्यादा सीटें जीतने के ऐलान को दिन में देखा गया सपना बताया। उन्होंने कहा, ये लोग जंगलमहल में कुछ सीटें जीत गए हैं तो इन्होंने हिंसा की राजनीति शुरू कर दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि जो गुंडे पहले सीपीएम के लिए धमकी देने का काम करते थे, अब वे बीजेपी की शरण में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत चुनाव के दौरान बीएसएफ वोटिंग लाइन में घुस गई थी।
तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ने यूपी का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर के नाम पर बेकसूर लोगों को मारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी की इमरजेंसी की बात को भूलिए, आज के समय में लोगों के पास अपना धर्म चुनने का अधिकार नहीं है। आज ये लोग पुराने इतिहास को मिटा देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अभी इन्होंने मुगलसराय का नाम बदला है, शायद ये लाल किले का भी नाम बदल दें। रैली में ममता ने असम में एनआरसी के मुद्दे पर भी जमकर हमला बोला।