पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में टीएमसी नेता की हत्या के बाद हिंसा भड़क उठी और इसमें 10 लोगों की दर्दनाक मृत्यु हो गई। मरने वालों में 2 मासूम बच्चे भी शामिल हैं। घटना बीरभूम जिले के बाग्तुई गांव की है। तृणमूल के नेता की हत्या के बाद उनके समर्थकों ने कई घरों में आग लगा दी जिसमे 10 लोगों की मृत्यु हो गयी। मरने वालों में 8 लोग एक ही परिवार के हैं।
बीरभूम में हिंसा को लेकर बीजेपी की सांसद रूपा गांगुली ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि, “मुझे लगता है कि पश्चिम बंगाल में हिंसा से कोई जगह बची ही नहीं है। दिनदहाड़े गोली चलाई जा रही है, शाम को कोई बाजार जाता है तो सीधा सिर में गोली मार दिया जाता है। लोग यहां पर जिएं कैसे? बीरभूम की घटना पर पुलिस कह रही है कि कोई मारा नहीं। तो क्या लोग बहार से मारकर लाकर वहां छोड़ दे रहें हैं? पुलिस अगर खुद ही खड़ा होकर मरवा रही है तो क्या बोलें? होम मिनिस्टर साहब ने रिपोर्ट मांगी है लेकिन बंगाल सरकार सुनती कहां है?
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे को लोकसभा में भी उठाया और उन्होंने कहा कि, “मैं इस मुद्दे पर भारत के राष्ट्रपति महोदय से मिलूँगा और उनसे स्टेट में आर्टिकल 355 लागू करने की गुजारिश करूंगा, क्योंकि बंगाल में कानून और व्यवस्था नहीं है। वहीं बीजेपी ने कहा है कि घटना में शामिल लोग तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हुएं हैं और उन्होंने ही घरों में आग लगाई है जिसमे 10 लोगों की मृत्यु हो गई।
बीरभूम हिंसा पर बीजेपी सांसदों ने मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और फिर गृहमंत्रालय ने बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से 72 घंटे के अंदर रिपोर्ट तलब किया है। वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजुमदार ने ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की है।
वहीं बीरभूम की घटना पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि, “सरकार हमारी है हम कभी नहीं चाहेंगे कि किसी की मृत्यु हो। रामपुरहाट की घटना दुर्भाग्पूर्ण है, घटना के बाद हमने तुरंत OC, SDPO को बर्ख़ास्त किया। मैं कल रामपुरहाट जाऊंगी।गुजरात राजस्थान में इस तरह की और भी घटनाएं हुईं, मैं रामपुरहाट की घटना को सही नहीं ठहरा रही हूं, हम बिना किसी पक्षपात के कार्रवाई करेंगे।”