पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि राज्यों को कर के अधिकार देने और कई विकास कार्यक्रमों के लिए सब्सिडी बनाये रखने के मुद्दे के समाधान के लिए सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई जाए। ममता ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से फोन पर बात कर ‘विसंगतियों’ के खिलाफ आवाज उठाने को और मांगें पूरी नहीं होने तक संघर्ष करने को कहा।

उन्होंने एक कार्यक्रम में कुछ स्वयं-सहायता समूहों को सम्मानित करने के बाद कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को तत्काल सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलानी चाहिए। इससे पहले हमने योजना आयोग के सामने अपनी चिंता जाहिर की थी लेकिन उसे भंग कर दिया गया।’’

ममता ने कहा कि राज्यों को केंद्र से मिलने वाले कर राज्यों द्वारा एकत्रित कर की तुलना में कम है और केंद्र सरकार ने कई सामाजिक परियोजनाओं के लिए आर्थिक मदद भी रोक दी है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘वे सब्सिडी वापस ले रहे हैं। एक दिन वो पूरा देश वापस लेने की बात करेंगे।’’

ममता ने कहा, ‘‘नीति आयोग ना इधर का ना उधर का। अगर मुझे धन नहीं मिलेगा तो मैं कई विकास परियोजनाओं को कैसे आगे बढ़ाऊंगी?’’

उन्होंने मध्याह्न भोजन योजना, आईसीडीएस, पुलिस आधुनिकीकरण, सर्व शिक्षा अभियान और जंगलमहल विकास कार्यक्रमों समेत सामाजिक क्षेत्र की कई परियोजनाओं के लिए राशि देना बंद करने या इसमें कमी लाने पर भी केंद्र को आड़े हाथ लिया।

मुख्यमंत्री ने मांग की कि केंद्र को इन सभी योजनाओं को वित्तीय मदद तत्काल बहाल करनी चाहिए और पिछली वाम मोर्चा सरकार से मिले भारी भरकम कर्ज के बोझ में केंद्र को साझेदारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘वाम मोर्चा सरकार के पापों की भरपाई मुझे क्यों करनी पड़े।’’