Shriya Dasgupta

महात्मा गांधी की 150 जयंती के मौके पर केंद्र सरकार ने गांधी स्मृति और दर्शन कमेटी की निगरानी में राष्ट्रपिता को समर्पित गैलरियां देश के कुछ प्रमुख हवाई अड्डों पर बनवाने का फैसला किया था। इनमें कोलकाता स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनैशनल एयरपोर्ट भी शामिल है। हालांकि, नेताजी के नाम पर बने इस एयरपार्ट पर बापू की गैलरी बनाए जाने से कुछ लोग खुश नहीं हैं।

द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में एयरपोर्ट के डायरेक्टर कौशिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘पीएमओ द्वारा गठित गांधी स्मृति एवं दर्शन कमेटी के निर्देशों के मुताबिक गांधी गैलरी का निर्माण हो रहा है। हमने उन्हें बस जगह मुहैया कराई है। गैलरी तैयार है और किसी मंत्री द्वारा इसका उद्घाटन किए जाने का इंतजार है।’ हालांकि, नेताजी के कुछ प्रशंसकों को यह फैसला पसंद नहीं आया। दिल्ली निवासी नेताजी पर रिसर्च करने वाले अनुज धर अक्सर कोलकाता आते-जाते रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘कोलकाता आने वाले मेरी तरह अनगिनत लोगों के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट एक एंट्री पॉइंट हैं, एक ऐसे शख्स का स्मरण कराने वाली जगह, जिसने भारत को आजादी दिलाई। मैं एयरपोर्ट पर नेताजी के योगदान को प्रदर्शित करने वाली एक गैलरी देखना चाहूंगा। महात्मा गांधी को समर्पित अनगिनत गैलरियां और म्यूजियम तो हर जगह स्थित हैं।’

लोगों की लंबी वक्त से चली आ रही मांग के मद्देनजर कोलकाता एयरपोर्ट का नाम सुभाष चंद्र बोस के नाम पर 1997 में रखा गया था। कई लोगों को ऐसा लगता है कि यहां गांधी जी के नाम पर बनी गैलरी नेताजी के स्वाधीनता संग्राम में किए योगदान को कमतर करेगी। हालांकि, नेताजी के रिश्तेदार और इतिहासकार सौगत बोस मानते हैं कि बापू की गैलरी बनवाना एक अच्छा फैसला है। उन्होंने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि गैलरी में गांधीजी की शरत बोस और सुभाष चंद्र बोस के साथ तस्वीर होगी। हमारे पास नेताजी रिसर्च ब्यूरो में ऐसी कई तस्वीरें मौजूद हैं।’

वहीं, इस मामले में पर सुभाष चंद्र बोस के पड़पोते और पश्चिम बंगल बीजेपी के उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस ने कहा, ‘मुझे लगता है कि गांधीजी का स्वतंत्रा संग्राम में मुख्य योगदान कुलीन लोगों द्वारा गठित समझी जाने वाली कांग्रेस को आम जनता से जोड़ना रहा। मुझे नहीं लगता कि उनका भारत को आजाद कराने से कोई ज्यादा संबंध है। गांधी की गैलरी से कोई समस्या नहीं है। हालांकि, उनके साथ बिनॉय-बादल-दिनेश, मास्टर दा सूर्या सेन और खुदीराम बोस जैसे क्रांतिकारियों को भी नेताजी इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर जगह मिलनी चाहिए।’

(श्रेया दासगुप्ता द इंडियन एक्सप्रेस की इंटर्न हैं।)