आंदोलन के नाम पर राज्य में सरकारी संपत्ति नष्ट करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा। इस बारे में एक विधेयक पेश कर ममता बनर्जी सरकार पाबंदी लगाने जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि बहुत हो चुका, अब यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब सरकारी संपत्ति को जलाने वाले संगठन को जुर्माना देना होगा। इस बारे में आगामी विधानसभा अधिवेशन में विधेयक पेश किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीते पांच साल के दौरान सरकारी संपत्ति को नष्ट करने वालों को भी विधेयक में शामिल किया जाएगा। मालूम हो कि रविवार को एक अपराधी को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर दक्षिण चौबीस परगना जिले में नाराज लोगों ने पुलिस की एक गाड़ी में आग लगा दी थी। नाराज लोगों ने टोला पुलिस थाने में भी तोड़फोड़ की थी।
आरोप है कि पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ ही फायरिंग भी की थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि एक राजनीतिक दल की ओर से आंदोलन को भड़काया गया था। इसके अलावा भी बीते पांच साल में बंद के दौरान कई जगह सरकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया है। पहाड़ी इलाके में भी गोरखा आंदोलन के दौरान व्यापक सरकारी संपत्ति नष्ट की गई। ऐसे सभी मामले में शामिल लोगों या राजनीतिक दलों को दंडित करने के लिए विधेयक में प्रावधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेल का किराया बढ़ाए जाने का भी विरोध किया। उनका कहना है कि कई बार रेल मंत्री रहने के दौरान उन्हें तो किराया बढ़ाने की जरूरत महसूस नहीं हुई। तेल की कीमतें बढ़ी हैं, इसलिए रेलवे का किराया बढ़ाना होगा यह कोई दलील नहीं है। उन्होंने कहा कि बीते दो साल में राज्य में रेलवे की कोई नई परियोजना शुरू नहीं हुई। कोई भी नई ट्रेन चालू नहीं की गई है। इसके खिलाफ हमें प्रतिवाद करना होगा।