पश्चिम बंगाल में जारी राजनीतिक हिंसा के बीच रविवार को प्रदेश बीजेपी नेताओं और पुलिस के बीच बड़ा टकराव होते-होते बचा। बीजेपी नेता शनिवार को हुई हिंसा में मारे गए पार्टी कार्यकर्ताओं का अंतिम संस्कार बसंती हाइवे पर करना चाहते थे। सैकड़ों की तादाद में पार्टी कार्यकर्ता मौके पर इकट्ठे हो गए और वे चिता भी सजाने लगे। हालांकि, बाद में पार्टी ने ऐसा न करने का फैसला किया और कहा कि राज्य सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए जाएंगे। इनमें सोमवार को ‘काला दिवस’ मनाने का फैसला भी शामिल था।

दरअसल, बीजेपी के नेता शवों को कोलकाता ले जाना चाहते थे ताकि वहां सोमवार को बड़े स्तर पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जा सकें। पुलिसवालों ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक लिया। इसके बाद, बीजेपी नेताओं ने कहा कि वे हाइवे पर ही इनका अंतिम संस्कार कर देंगे। बाद में पार्टी ने कहा कि वे स्थानीय स्तर पर हड़ताल करेंगे। 10 जून को प्रदेशव्यापी ‘काला दिवस’ भी मनाया जाएगा। इसके अलावा, 12 जून को लाल बाजार इलाके में एक रैली भी की जाएगी। बता दें कि बीजेपी ने दावा किया है कि शनिवार शाम हुई हिंसा में उसके तीन कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। इससे पहले, सार्वजनिक जगहों पर पार्टी के झंडे लगाने के झगड़े में दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हिंसा हुई थी। तृणमूल के एक कार्यकर्ता को गोली मार दी गई। इसके अलावा, दो बीजेपी कार्यकर्ताओं की भी हत्या हो गई।

बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने इस हिंसा के लिए चीफ मिनिस्टर ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने ममता पर बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा की इजाजत देने का आरोप लगाया। उधर, प्रदेश बीजेपी की ओर से गृह मंत्री अमित शाह को शिकायत किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने बंगाल में जारी हिंसा पर गहरी चिंता जाहिर की। केंद्र ने ममता सरकार को एक अडवाइजरी भी जारी की और कहा कि वह प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रही। वहीं, प्रदेश सरकार ने इस अडवाइजरी का जवाब देते हुए दावा किया कि चुनाव बाद संघर्ष की छिटपुट घटनाएं हुई हैं और हालात कंट्रोल में हैं। तृणमूल ने इसे ममता सरकार के खिलाफ साजिश करार दिया है।