बीरभूम हिंसा मामले में ममता बनर्जी की सरकार को बड़ा झटका लगा है। मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। कोलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो को बीरभूम में जिंदा जलाए गए आठ लोगों के मामले की जांच को संभालने के लिए कहा है। ममता बनर्जी की सरकार ने सीबीआई को जांच नहीं सौंपने का अनुरोध किया था, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
अब बंगाल सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल, बीरभूम मामले को सीबीआई को सौंपेगा। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने सीबीआई को 7 अप्रैल तक प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की एक टीम घटनास्थल पर पहुंचकर सैंपल और सबूत जुटा रही है।
कोर्ट के इस आदेश के बाद बीजेपी नेता दिलीप घोष ने कहा है कि ममता बनर्जी हर घटना में एसआईटी गठित करके घटना को दबाने की कोशिश करतीं हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट को भी उन पर विश्वास नहीं था। इसलिए इस मामले को कोर्ट ने अपने हाथ में लिया। यह पूरा मामला किसी एक जज की देखरेख में चलेगा”।
बता दें कि तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख की सोमवार को हुई हत्या के कुछ ही घंटों बाद, गांव में दो बच्चों समेत आठ लोगों को जलाकर मार दिया गया। समाचार एजेंसी पीटीआई ने ऑटोप्सी रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि मारे जाने से पहले सभी आठ लोगों को पीटा गया था।
घटना के बाद सीएम बनर्जी भी घटनास्थल पर पहुंचीं और प्रभावित परिवारों से मिलीं। इस दौरान उन्होंने स्थानीय पुलिस की आलोचना भी की। उन्होंने कहा- “मैंने कभी नहीं सोचा था कि इस तरह की भीषण घटना हो सकती है। एक तरफ युद्ध चल रहा है और यहां कुछ लोगों की वजह से हिंसा हो रही है। मुझे कोई बहाना नहीं चाहिए। सभी आरोपितों को गिरफ्तार करो। मामले को इस तरह से बनाएं कि कोई इस तरह का अपराध करने की हिम्मत न करे और यह दूसरों के लिए सबक बन जाए”।
इस मामले को लेकर ममता सरकार की जमकर आलोचना हो रही है। बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले से ही वहां राजनीतिक हिंसा जारी है। ये मामला भी कुछ उसी तरह का लग रहा है। बीजेपी इस मामले को लेकर विधानसभा के अंदर से लेकर बाहर तक प्रदर्शन कर रही है। खुद पीएम मोदी भी इस घटना की निंदा कर चुके हैं।
