तृणमूल कांग्रेस की चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रिपुन बोरा को पार्टी की असम यूनिट का प्रमुख नियुक्त किया है। असम कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रिपुन बोरा 17 अप्रैल को टीएमसी में शामिल हुए थे। पिछले कुछ समय में कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़कर टीएमसी का दामन थामा है और इस कारण से कांग्रेस-टीएमसी के बीच, बयानबाजी भी तेज हुई है।
असम कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रिपुन बोरा रविवार को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। वे टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए। पिछले साल सुष्मिता देव ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था और टीएमसी ज्वाइन कर लिया था।
असम में हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में बोरा विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार थे, लेकिन वे अपनी सीट बरकरार नहीं रख सके। विपक्ष के पास संख्या को देखते हुए बोरा की हार विवादास्पद थी। इसके बाद विपक्षी दलों कांग्रेस और एआईयूडीएफ के बीच जुबानी जंग तेज हो गई और दोनों ने एक-दूसरे पर “क्रॉस वोटिंग” का आरोप लगाया।
तरुण गोगोई शासन में मंत्री रहे रिपुन बोरा अपने छात्र जीवन से ही कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। वे 1976 में आधिकारिक रूप से पार्टी में शामिल हुए थे। 2016 में उन्हें असम से राज्यसभा सांसद के रूप में चुना गया था। 2016 में असम में कांग्रेस की हार के बाद, उन्हें पार्टी को मजबूत करने के लिए राज्य इकाई का प्रमुख बनाया गया था।
चुनावों में पार्टी की हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से बोरा ने दे दिया था इस्तीफा
हालांकि, जब 2021 के चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा, तब बोरा ने पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की ‘नैतिक जिम्मेदारी’ लेते हुए पार्टी प्रमुख के रूप में अपना इस्तीफा सौंप दिया। असम विधानसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के देवव्रत सैकिया ने बोरा के इस्तीफे को ‘अपने स्वार्थ के लिए उठाया गया कदम’ बताया। सैकिया ने आरोप लगाया कि उन्हें राज्यसभा की सीट चाहिए थी और इसलिए उन्होंने छोड़ दिया।