पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहली नजर में आचार संहिता उल्लंघन के मामले में भेजे गए चुनाव आयोग के कारण बताओ नोटिस का गुरुवार को जवाब दिया। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री की ओर से राज्य के मुख्य सचिव ने जवाब भेजा था, जिसे आयोग ने खारिज कर दिया था। इस संबंध में विस्तृत जानकारी देने से इनकार करते हुए चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग के नोटिस पर ममता बनर्जी का जवाब आ गया है और जांच जारी है। बहरहाल, मुख्य सचिव बासुदेब बनर्जी की ओर से मिले जवाब को खारिज करने के बाद चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष को शुक्रवार सुबह तक उत्तर देने का समय दिया था।

मंगलवार को तृणमूल सुप्रीमो को कड़े शब्दों में लिखे पत्र में आयोग ने साफ किया कि यह नोटिस उन्हें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि तृणमूल कांग्रेस की मुखिया की हैसियत से भेजा गया है, इसलिए जवाब वही दें। मुख्य सचिव से मिले जवाब को खारिज करते हुए आयोग ने उनकी खिंचाई की और कहा कि आचार संहिता उल्लंघन से संबंधित कारण बताओ नोटिस पर जवाब देना राज्य सरकार के लिए उचित नहीं है।

ममता को लिखे पत्र में आयोग ने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से कोई जवाब नहीं मिला और इसलिए आयोग यहां साफ कर देना चाहता है कि ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष होने के नाते आचार संहिता उल्लंघन संबंधी नोटिस आपको भेजा गया है न कि पश्चिम बंगाल की सरकार को। अपनी एक चुनावी सभा के दौरान एक नए जिले के निर्माण की घोषणा करने पर पिछले हफ्ते उन्हें यह नोटिस भेजा गया था। चुनाव आयोग के पत्र से नाराज ममता ने एक अन्य रैली में कहा- मैंने जो कुछ भी कहा था, उस पर आयोग ने बंगाली नववर्ष के पहले दिन मुझे कारण बताओ नोटिस भेज दिया। लेकिन मैं इसे बार-बार और हजार बार कहूंगी।