पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में एक कुष्ठरोग कॉलोनी के मतदाताओं ने सोमवार स्वतंत्र होकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उनके लिए एक अस्पताल के अंदर विशेष रूप से मतदान केंद्र बनाया गया था, जहां चिकित्सकों ने मतदान कर्मियों के रूप में काम किया। यह कदम बड़ी संख्या में समाज के सभी वर्गों के मतदान को सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग के विशेष अभियान का एक हिस्सा था। कल्याणपुर स्थित भारत के सबसे पुराने कुष्ठरोग अस्पतालों में से एक गौरीपुर लेप्रोसी अस्पताल के अंदर एक आदर्श मतदान केंद्र बनाया गया था।
मतदान केंद्र में 320 मतदाता पंजीकृत थे जो या तो कुष्ठ रोगी थे या फिर कुष्ठरोग से प्रभावित परिवार के सदस्य थे। बांकुरा से स्थानीय प्रखंड विकास अधिकारी सुप्रभात चटर्जी ने कहा,‘यह एक आदर्श मतदान केंद्र है जिसमें सभी तरह की सुविधाएं हैंं। जैसे कि जिन मतदाताओं को चलने में कठिनाई होती है उन्हें मतदान केंद्र पर लाने के लिए बिजली से चलने वाले वाहन की सुविधा है। मतदान केंद्र के अंदर हमने उनके लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था की है।’
अस्पताल में भर्ती कुष्ठ रोगियों के लिए इस बार के विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार के प्रयोग करने की पूरी प्रक्रिया बहुत ही आसान थी क्योंकि उन्हें इसके लिए बस दूसरे कमरे में जाना था। जिले के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि चूंकि अस्पताल के चिकित्सक और कर्मचारी मतदान प्रक्रिया में शामिल थे इसलिए मतदाताओं के खिलाफ किसी तरह के भेदभाव का सवाल ही नहीं था। हालांकि यह बीमारी स्पर्श करने से नहीं फैलती लेकिन फिर भी उपचार के बाद कुष्ठ रोगी कॉलोनियों में रहने के लिए मजबूर हैं। पूरी दुनिया में सामने आने वाले कुष्ठरोग के आधे से अधिक मामले भारत में हैं।