पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में 17 बच्चों की तस्करी से जुड़े केस में वहां की पुलिस ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से पूछताछ की है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने शनिवार(10 मार्च) को इंदौर पहुंचकर विजयवर्गीय के बयान लिए। यह पूछताछ अदालती आदेश के बाद हुई। इंदौर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक( एडीजी) दफ्तर के कान्फ्रेंस हाल में विजयवर्गीय को बुलाकर दो घंटे तक उनसे आठ सदस्यीय टीम ने कुल 50 सवाल किए।

दरअसल, पश्चिम बंगाल पुलिस ने पिछले साल 18 फरवरी को बच्चा तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया था। गोद लेने की आड़ में बच्चों को बेचने की गंभीर बात सामने आई थी। इस गोरखधंधे में एनजीओ संचालक वंदना चक्रवर्ती की गिरफ्तारी हुई थी। पूछताछ में वंदना का कनेक्शन बीजेपी जलपाईगुड़ी महिला शाखा प्रमुख जूही चौधरी से जुड़ता दिखाई दिया। बाद में जूही को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया। पूछताछ में जूही ने पुलिस को बयान देकर कहा था कि उसने राज्यसभा सदस्य रूपा गांगुली के जरिए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से संपर्क कर केंद्र से एनजीओ को अनुदान दिलाने की मांग की थी।

जूही के बयान में कैलाश विजयवर्गीय का नाम आने पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने उन्हें भी जांच में शामिल कर लिया। इसी क्रम में हाई कोर्ट के आदेश पर विजयवर्गीय से पूछताछ हुई।विजयवर्गीय दूसरे की गाड़ी से दिन में साढ़े 11 बजे एडीजी दफ्तर पहुंचे।कैलाश विजयवर्गीय ने पूछताछ किए जाने की बात स्वीकार की। उन्होंने कहा कि सीआईडी स्तर के अधिकारियों ने उनसे जूही से संपर्क के बारे में सवाल पूछे। उन्होंने बताया कि जूही से कोई संपर्क नहीं रहा, कभी मुलाकात भी नहीं हुई। विजयवर्गीय ने इसके पीछे पश्चिम बंगाल सरकार की साजिश की बात कही। कहा कि राजनीतिक विद्वेष के तहत पश्चिम बंगाल सरकार के इशारे पर वहां की एजेंसियां इस तरह के मामले से नाम जोड़ रही हैं। बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय इस समय पश्चिम बंगाल में बीजेपी के प्रभारी भी हैं।