नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में बीजेपी को चमत्कारिक जीत दिलाने में पार्टी के नेता मुकुल रॉय की भूमिका बेहद अहम मानी गई। कभी बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बेहद नजदीकी माने जाने वाले मुकुल तृणमूल का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। अब मुकुल तृणमूल में सेंध लगा रहे हैं और पार्टी के कई नेताओं को बीजेपी में ला चुके हैं। हालांकि, खबरें हैं कि उनके तौर तरीकों से बंगाल बीजेपी में अंसतोष बढ़ने लगा है। आरोप लग रहा है कि तृणमूल से नेताओं को लाने से पहले राज्य के बीजेपी नेताओं से विचार विमार्श तक नहीं किया जा रहा।
अंग्रेजी अखबार द टेलिग्राफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बंगाल बीजेपी के एक नेता ने कहा, ‘वह (रॉय) बीते कुछ वक्त से ऐसा कर रहे हैं। हम यह बात और नहीं सहन कर सकते क्योंकि वे ऐसे लोगों को ला रहे हैं, जो हम पर भार बन सकते हैं।’ इस असंतोष के बारे में पूछे जाने पर मुकुल रॉय ने कहा, ‘हम कार्यकर्ताओं की भावनाओं की अनदेखी नहीं करेंगे लेकिन हमारी कुछ खास रणनीति है, जिसपर विधानसभा चुनाव से पहले अमल किया जाना है।’ बता दें कि तृणमूल में सेंध लगाने की इस योजना का खुलासा बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय भी कर चुके हैं। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि वह तृणमूल को ‘सात चरणों’ में झटका देने का वादा जरूर पूरा करेंगे।
मुकुल रॉय बीते कुछ महीनों में कई नेताओं को बीजेपी में ला चुके हैं। इनमें पूर्व आईपीएस अफसर और कभी ममता की नजदीकी रहीं भारती घोष के अलावा, सौमित्र खान, अनुपम हाजरा, तृणमूल विधायक अर्जुन सिंह, कांग्रेस विधायक दुलाल बार आदि शामिल हैं। सौमित्र खान और अर्जुन सिंह अब बीजेपी के टिकट पर सांसद निर्वाचित हो चुके हैं। पिछले हफ्ते ही तृणमूल के विधायक मनीरुल इस्लाम और पूर्व विधायक गदाधर हाजरा को भी मुकुल रॉय बीजेपी में ला चुके हैं। दोनों ही नेताओं ने दिल्ली में कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता हासिल की।
अंग्रेजी अखबार ने पार्टी के एक अंदरुनी सूत्र के हवाले से बताया कि इस मामले में प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को न केवल अंधेरे में रखा गया, बल्कि उनसे कोई राय मशविरा भी नहीं किया गया। सूत्र के मुताबिक, बंगाल में बीजेपी के धमाकेदार प्रदर्शन के बावजूद ऐसा होना पार्टी के अंदर के माहौल के लिए सही नहीं है। बता दें कि इस्लाम को बीजेपी में लाने के बाद से पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष की खबरें हैं। इस्लाम के गृह जिले बीरभूम के कई नेताओं ने प्रदेश बीजेपी नेताओं से इस बारे में शिकायत दर्ज कराई है। बता दें कि इस्लाम अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं। वह 2010 में हुए एक ट्रिपल मर्डर केस में भी संदिग्ध थे। बाद में उनका नाम चार्जशीट से हट गया था। गुरुवार को प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी माना कि पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर खुद उन्हें भी कुछ नेताओं के बीजेपी में आने को लेकर असंतोष है। हालांकि, घोष ने यह भी कहा कि बड़े राजनीतिक मकसद के लिए इन फैसलों को कबूल करना ही होगा।