पश्चिम बंगाल में ममता सरकार और भाजपा के बीच तीखी बयानबाजी का सिलसिला जारी है। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने शुक्रवार (31 मई) को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इन दिनों ममता बनर्जी के व्यवहार से लग रहा है या तो वह अपना दिमागी संतुलन खो चुकी हैं या फिर अपनी असल पहचान जगजाहिर कर रही हैं। घोष ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘गुरुवार (30 मई) को ममता लोगों के ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने पर गुस्सा हो गईं। ऐसा लग रहा है लोकसभा चुनाव के नतीजे देखने के बाद या तो उनका दिमागी संतुलन बिगड़ गया है या यहीं उनकी असली पहचान है।’
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‘जेल में भेजने पर आमादा’: भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘ममता अपना दिमागी संतुलन खो बैठी हैं, इसी वजह से वो लोगों के नारे लगाने पर ही उन्हें जेल भेजने पर आमादा है। वो तानाशाह हैं इसीलिए अपनी हार को पचा नहीं पा रही हैं। इसी वजह से वे और उनकी पार्टी के सदस्य बंगाली और गैर बंगाली मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रहे हैं।
‘पहले अपनी पार्टी संभालें ममता’: कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने घोष से पूछा कि ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई पार्टी बैठक का राज्य में तृणमूल कांग्रेस के हाल पर कोई असर पड़ेगा? इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा ममता को सबसे पहले पश्चिम बंगाल में अपनी पार्टी बचाने पर ध्यान देना चाहिए। बंगाल में विधानसभा चुनाव होने में अभी वक्त है। मैं उन्हें सलाह दूंगा कि वह पहले अपनी पार्टी बचाने पर ध्यान दें , उसके बाद चुनाव लड़ने की चिंता करें।
ममता के काफिले पर लगाए थे नारेः बता दें कि बीते गुरुवार (30 मई) को पश्चिम बंगाल के उत्तर परगना जिले में ममता बनर्जी का काफिला गुजर रहा था। इस दौरान उनकी गाड़ी को कुछ लोगों ने चारों तरफ से घेर लिया, और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने लगे। नारे सुनकर ममता अपना आपा खो बैठीं और गाड़ी से उतरकर उन्हें फटकार लगाई। यही नहीं इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।