बुंदेलखंड जैसे सूखे क्षेत्र में जल बचाने के लिए बच्चों की तरह जिद्दी बनने और सनक की हद तक जी जान से जुट जाने का नतीजा यह है कि लोहे के तवे जैसे जल रहे पत्थरों के बीच से आज पानी की धाराएं बह रही हैं। न केवल बह रही हैं, बल्कि खेतों को सिंचित कर लहलहाती फसलों में जीवन डाल रही हैं।

बांदा जनपद के जखनी गांव निवासी उमा शंकर पांडेय समुदाय के आधार पर बिना सरकार की सहायता लिए पुरखों की परंपरागत विधि “खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़” से जल संरक्षण करने में जुटे हैं। उनको प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले नीति आयोग की भू जल संरक्षण समिति में जल एवं भूमि सलाहकार अविनाश मिश्रा ने उनके जल संरक्षण के प्रयासों और संघर्ष को देखते हुए जल संरक्षण समिति ग्रुप में सदस्य मनोनीत किया है।

जल योद्धा उमा शंकर पांडे पिछले 25 वर्षों से वर्षा जल संरक्षण के उद्देश्य से “खेत पर मेड़ मेड़ पर पेड़” जल जनसंवाद अभियान चला रहे हैं। उनके इस अभियान की प्रशंसा मन की बात में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 25 सितंबर 2020 को कर चुके हैं।

उमा शंकर पांडेय जी बताते हैं कि “25 वर्ष के सामाजिक जीवन में उन्होंने अनेक सम्मान-अपमान पाए और झेले, संघर्ष की गाथाएं साथ चलीं। किसी ने अपमान किया तो किसी ने कमी निकाली, किसी ने उत्साह बढ़ाया, यह सब चलता रहा। मुझे खुशी है कि मैंने जिस विधि को जल संरक्षण के लिए चुना, उस विधि को उपयोगी मानते हुए प्रधानमंत्री जी ने देशभर के प्रधानों को पत्र लिखा। उन्होंने आम लोगों और किसानों से मेड़बंदी कर जल संरक्षण करने की अपील की। जिस जल ग्राम को लेकर मैं चला था, उसे भारत सरकार ने जल क्रांति के अंतर्गत 1050 जल ग्राम चिन्हित कर दिए, जिसे जल शक्ति मंत्रालय की वेबसाइट पर देखा जा सकता है।”

पांडेय जी ने कहा कि “मैं देश के प्रधानमंत्री जी, जिन्होंने मेरे कार्य को अपने ट्विटर हैंडल पर तथा ‘मन की बात’ में सम्मिलित किया तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी को, जिन्होंने मुझसे सीधे संवाद किया, को धन्यवाद देता हूं। इसके अलावा जल शक्ति मंत्रालय, नीति आयोग, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार, राज्य सरकार, मंडल प्रशासन और जिला प्रशासन तथा जल संरक्षण के अभियान में साक्षी रहे मेरे सभी सहयोगी और उन सभी मित्रों को, जो मेरे सुख दुख में साथ खड़े रहे के प्रति आभार जताता हूं।”

कहा कि “मेरी विधि को जिला स्तर, राज्य स्तर, राष्ट्रीय स्तर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली यही मेरी बड़ी उपलब्धि है। आज मेड़बंदी जल संरक्षण विधि जल ग्राम को हमारे नाम से देश में जाना जाता है। मैंने कहीं से भी एक रुपए का सरकारी अनुदान नहीं लिया, न ही किसी पुरस्कार के लिए आवेदन किया है। जिसे ठीक लगा उसने मुझे सम्मान दिया, स्थान दिया। जिसे ठीक नहीं लगा उसने आलोचना की। जब तक स्वास्थ्य ठीक है, तब तक वर्षा जल संरक्षण की दिशा में पौधरोपण की दिशा में समुदाय के आधार पर भू जल संरक्षण का प्रयास जारी रहेगा। खेतों में मेड़बंदी से एक ओर जहां पानी रुकेगा, वहीं पेड़ लगाने से वातावरण शुद्ध होगा, अतिरिक्त आमदनी होगी।”

उमा शंकर पांडेय जी को मिले राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मान…

1- कृषक सम्मान — आजादी के अमृत महोत्सव —- 15 अगस्त 2021
(सांसद आर.के. सिंह. पटेल द्वारा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति यूएस गौतम की अध्यक्षता में सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी द्वारा प्रदान किया गया।)

2- राज्य स्तरीय सम्मान —- उत्तर प्रदेश सरकार —- 2021
(उत्तर प्रदेश के तत्कालीन जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने इंदिरा गांधी शांति प्रतिष्ठान लखनऊ में प्रदान किया।)

3- रजत की बूंदें राष्ट्रीय पुरस्कार —- नीर फाउंडेशन ——2020
(पद्मभूषण अनिल प्रकाश जोशी द्वारा प्रदान किया गया।)

4- राष्ट्रीय संवैधानिक जल योद्धा सम्मान — जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार —- वर्ष 2020
(उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की उपस्थिति में प्रदान किया।)

5- द वाटर डाइजेस्टर अवार्ड —– संयुक्त राष्ट्र संघ का संगठन —- 2020
(इंटरनेशनल यूएन डायरेक्टर की उपस्थिति में जल शक्ति मंत्री भारत सरकार ने प्रदान किया।)

6- राष्ट्रीय जल प्रहरी सम्मान —–भारत सरकार —- 2019
(केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली में प्रदान किया।)

7- विशेष सम्मान —- अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव —- 2019
(फिल्म स्टार बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला द्वारा खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रदान किया गया।)

8- विद्या भूषण सम्मान —— सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए —– 2015
(संस्कृत रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर द्वारा प्रदान किया गया।)

9- एबिलिटी अवार्ड — सामाजिक रचनात्मक कार्यों के लिए भारत सरकार —- 2006
(सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जस्टिस जे एस वर्मा की अध्यक्षता में गठित पुरस्कार समिति ने एबिलिटी अवार्ड जस्टिस ए बी शाह मुख्य न्यायाधीश मद्रास हाई कोर्ट ने प्रदान किया।)

10- विशेष सम्मान —- उत्तर प्रदेश सरकार —– 2004
(तत्कालीन जिलाधिकारी बांदा श्री मुकेश कुमार मेश्राम द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदान किया गया।

11- लोक सेवक सम्मान — उत्तर प्रदेश सरकार —- 1999
(उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री रामप्रकाश गुप्त की अध्यक्षता में तत्कालीन राज्यपाल डॉ सूरजभान ने राजभवन लखनऊ में प्रदान किया)

इसके अलावा दर्जनों अन्य पुरस्कार भी प्रदान किए गए हैं। जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं…………………

अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव —-
(तत्कालीन जिलाधिकारी बांदा हीरालाल द्वारा जल संरक्षण के क्षेत्र में किए गए योगदान के लिए राज्य फिल्म विकास बोर्ड के अध्यक्ष राजीव श्रीवास्तव द्वारा सम्मानित किया गया।)

संत विनोवा सम्मान —-
(बालकृष्ण स्मृति संस्थान कानपुर की ओर से तत्कालीन उद्योग मंत्री सुरेश पचौरी द्वारा कानपुर में प्रदान किया गया।)

खेत में मेड़ मेड़ पर पेड़ विधि को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड यूके ने तत्कालीन वित्त राज्य मंत्री भारत सरकार शिव प्रताप शुक्ला के द्वारा सम्मानित किया गया।