प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी हफ्ते 12 मार्च को बेंगलुरू-मैसूरु एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया था। लेकिन शनिवार की सुबह हल्की बारिश के बाद एक्सप्रेसवे पर जलभराव देखा गया, जिससे यातायात जाम हो गया। रामनगर और बिदादी के बीच संगबासवना डोड्डी के पास एक अंडरपास के पास पानी भरने आने से अफरा-तफरी मच गई और वाहन ट्रैफिक जाम में फंसे देखे गए।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के परियोजना निदेशक बी टी श्रीधर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हमने नालियों के लिए जगह छोड़ी थी, लेकिन कुछ ग्रामीणों ने मिट्टी से नालियों को रोक दिया, जिससे बाढ़ आ गई। हम इसे साफ कर रहे हैं और सड़क हमेशा की तरह खुली रहेगी।”

पिछले अगस्त में भारी वर्षा के बाद इसी खंड में बाढ़ आ गई थी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, जिन्होंने इस साल जनवरी में सड़क का दौरा किया था, उन्होंने बाढ़ पर टिप्पणी की थी और कहा था कि एक तकनीकी टीम इस मुद्दे को देख रही है। उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यह दोहराया न जाए। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक सड़क सुरक्षा ऑडिट भी किया जा रहा है।”

12 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने 118 किलोमीटर लंबी बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे परियोजना का उद्घाटन किया था। अधिकारियों के अनुसार एक्सप्रेसवे बेंगलुरु और मैसूर के बीच यात्रा के समय को लगभग तीन घंटे से घटाकर लगभग 75 मिनट कर देगा।

8,480 करोड़ रुपये की परियोजना में NH-275 के बेंगलुरु-निदाघट्टा-मैसूरु खंड को छह लेन बनाना भी शामिल है। NHAI ने मंगलवार को टोल एकत्र करना शुरू कर दिया था और जनता दल (सेक्युलर) सहित राजनीतिक दलों ने सड़क का काम पूरा किए बिना टोल एकत्र किए जाने का विरोध किया था।

इस बीच शहर में 5.3 मिमी बारिश दर्ज होने के बाद शुक्रवार को बेंगलुरु के कई इलाकों में चार-पांच घंटे तक अंधेरा छाया रहा। एक बैंगलोर विद्युत आपूर्ति कंपनी लिमिटेड के अधिकारी ने कहा, “तेज हवा और बारिश के कारण जयदेव, अत्तुर-येलहंका और मगदी रोड में मस फीडर में तकनीकी खराबी थी। इससे कई इलाकों में बिजली गुल हो गई। हमने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए पूरी रात काम किया। ट्रांसफार्मरों की मरम्मत की गई। स्थिति अब सामान्य है।”