महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने के बाद भी गठबंधन के अंदर जंग अभी खत्म नहीं हुई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मिलिंद देवड़ा ने बुधवार को गठबंधन सहयोगी शिवसेना पर निशाना साधते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखा तथा बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के हाल के परिसीमन और सीमांकन प्रक्रिया को रद्द करने और प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से फिर से शुरू करने की मांग की।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह प्रक्रिया बीएमसी प्रशासक और नगर आयुक्त आईएस चहल की बजाए एक स्वतंत्र समिति से करवाया जाना चाहिए। कांग्रेस ने पूर्व में चहल की पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से निकटता की शिकायत की थी। उन्होंने शिवसेना की मंशा को ‘दुर्भावनापूर्ण’ करार देते हुए कहा कि कांग्रेस इसके लिए अंत तक लड़ेगी।
महाविकास अघाड़ी सरकार जाने के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस की ओर से शिवसेना की खुलकर आलोचना पहली बार की गई है। हाल ही में शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया था। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल रहे उद्धव ठाकरे की इस घोषणा को कांग्रेस ने “समझ से बाहर” बताया था। इसके बाद से ही कांग्रेस पार्टी की ओर से उद्धव ठाकरे की आलोचना की गई है।
मुंबई में बहुत देर से होने जा रहे बीएमसी चुनावों से पहले, पिछले महीने एक वार्ड आरक्षण लॉटरी ड्रा आयोजित किया गया था, जहां 29 कांग्रेस पार्षदों में से 21 ने देखा कि उनके वार्डों के आरक्षण को बदल दिया गया है। नाराज कांग्रेस पार्षदों ने वार्ड आवंटन में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें शिवसेना को तरजीह दी जा रही है। बीएमसी में विपक्ष के नेता रवि राजा ने इसे चहल द्वारा “कांग्रेस को खत्म करने के लिए एक व्यवस्थित तैयारी” तक कहा।
देवड़ा ने मंगलवार को शिंदे को लिखे अपने पत्र में शिवसेना का जिक्र करते हुए कहा, “बीएमसी में लिंग और जाति के आधार पर वार्डों को फिर से बनाने और आरक्षित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के परिसीमन और सीमांकन कार्य के रूप में फरवरी 2022 में सुझाव और आपत्तियां मांगी गई थीं। बीएमसी और राज्य चुनाव आयोग को लगभग 800 आपत्तियां प्राप्त हुई थीं, जिनमें से किसी पर विचार नहीं किया गया। नतीजतन, वार्ड की सीमाओं का परिसीमन और सीमांकन केवल एक पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।”
दक्षिण मुंबई के पूर्व सांसद ने आरक्षण प्रक्रिया से प्रभावित कांग्रेस नगर पार्षदों की ओर से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने कहा, “मुझे यकीन है कि मैं सभी राजनीतिक दलों की ओर से बोल रहा हूं और मांग करता हूं कि इस प्रक्रिया को शुरू करने से पहले सभी दलों को विश्वास में लिया जाना चाहिए।”