उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल और सीबीआइ ने एक संयुक्त अभियान के तहत व्यापमं घोटाले के मुख्य आरोपियों में शामिल रमेश शिवहरे को बुधवार (4 मई) को कानपुर से गिरफ्तार कर लिया जो पिछले तीन साल से फरार था। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने कहा कि हमने सुबह शिवहरे को गिरफ्तार किया। व्यापमं घोटाले से जुड़े कई मामलों में सीबीआइ को उसकी तलाश थी।
सीबीआइ सूत्रों ने यहां बताया कि सीबीआइ ने व्यापमं नाम से जाने जाने वाले मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल के कामकाज में कथित अनियमितताओं के संबंध में पांच मामलों की जांच की थी जिनमें शिवहरे वांछित था। उन्होंने बताया कि शिवहरे पिछले तीन साल से फरार था। उसे पकड़ने में मदद करने वालों को 10,000 रुपए का पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई थी।
उत्तर प्रदेश के निवासी शिवहरे की पत्नी महोबा में स्थानीय निकाय की एक सदस्य थी। उन्होंने बताया कि शिवहरे इस घोटाले में अहम भूमिका निभाने वालों में से एक था। उसे यूपीएसटीएफ और सीबीआइ ने एक संयुक्त अभियान के तहत कानपुर के कल्याणपुर इलाके की आवास विकास कॉलोनी से गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि उसे अदालत में पेश करने के बाद भोपाल ले जाया जाएगा।
शिवहरे ने कथित तौर पर बिचौलिए के रूप में काम किया और एक निश्चित राशि दिए जाने पर व्यापमं की आयोजित परीक्षा में असल उम्मीदवार की जगह पेश होने वाले फर्जी उम्मीदवारों का प्रबंध किया। उत्तर प्रदेश का निवासी शिवहरे मामले की जांच कर रहे अधिकारियों की पूछताछ का सामना करने से बच रहा है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 2014 में उसकी अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी।