पंजाब की जेल में माफिया मुख्तार अंसारी को वीआईपी ट्रीटमेंट देने के मामले में जेल मंत्री ने सीएम भगवंत मान को रिपोर्ट सौंप दी है। जेल मंत्री हरजोत बैंस ने सीएम भगवंत मान को रिपोर्ट सौंपी है। मुख्तार अंसारी को रोपड़ के रूपनगर जेल में दो सालों तक रखा गया था। मुख्तार अंसारी इस वक्त यूपी की बांदा जेल में बंद है।

रिपोर्ट के मुताबिक, जेल में मुख्तार को वीआईपी ट्रीटमेंट देने के सबूत मिले हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पूर्व की कांग्रेस सरकार में मुख्तार को वीआईपी सुविधाएं देने के मामले में कई पुलिसकर्मियों पर गाज गिर सकती है। सरकार में आने से पहले भी आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को उठाती रही है। उस वक्त भी आप ने कांग्रेस की तत्कालीन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे।

रोपड़ की रूपनगर में जेल में कौन अधिकारी तैनात थे और पूरा प्रशासनिक अमले की जानकारी खंगाली जाएगी और देखना होगा कि अब भगवंत मान सरकार दोषी पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है।

इसके पहले, जांच में सामने आया था कि मुख्तार अंसारी को बचाने के लिए पूर्व कांग्रेस सरकार ने 55 लाख रुपए खर्च किए थे। जांच में पता चला कि पूर्व सरकार में अंसारी को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक सीनियर वकील को हायर किया गया था, जिनकी एक सुनवाई की फीस 11 लाख रुपए थी।

यूपी पुलिस से बचाने के लिए झूठी एफआईआर दर्ज की गई थी

पंजाब सरकार में जेल मंत्री हरजोत बैंस ने बताया कि जब सुनवाई नहीं होती थी तब 5 लाख रुपए चार्ज किया जाता था। वकील के बिल अभी भी पेंडिंग हैं, जिसे पंजाब की भगवंत मान सरकार ने भरने से इनकार कर दिया है। पंजाब के जेल मंत्री ने यह भी कहा कि अंसारी को यूपी पुलिस से बचाने के लिए एक झूठी एफआईआर के आधार पर पंजाब की जेल में रखा गया था और जिस बैरक में 25 कैदियों को रखा जाता है, वहां पर मुख्तार अंसारी अकेला रहता था।