गुजरात सरकार गुंडागर्दी करने वालों के खिलाफ शिकंजा कसने जा रहा है। इसके लिए सरकार गुंडा एक्ट एंटी सोशल एक्टीविटीज प्रिवेन्शन एक्ट नाम का कानून लाने जा रही है। प्रदेश में असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए नए कानून को अध्यादेश के माध्यम से अमल में लाने का निर्णय लिया गया है।
गुंडा एक्ट एंटी सोशल एक्टीविटीज प्रिवेन्शन एक्ट के तहत सार्वजनिक जगहों पर हिंसा, धमकी, गुंडागर्दी को खत्म करने के इरादे से कार्रवाई की जाएगी। शराब का अवैध कारोबार, जुआ, गोहत्या, अनैतिक व्यापार, मानव तस्करी, बालकों का जातीय शोषण, नशे का कारोबार, नकली शराब की बिक्री, सूदखोरी, जमीन हड़पने, अपहरण, अवैध हथियार रखने वालों के खिलाफ इस कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
गुजरात सरकार ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि इस कानून के तहत असामाजिक गतिविधियों या शांति भंग करने में शामिल लोगों को सात साल से दस साल तक की सजा दी जाएगी और उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
इस एक्ट के तहत दोषी पाए गए लोगों की संपत्ति भी सीज कर ली जाएगी। हालांकि इस कानून के तहत मामला दर्ज करने से पहले रेंज आईजी या पुलिस कमिश्नर की अनुमति लेनी होगी।
नए कानून में गवाहों की सुरक्षा के प्रावधान के साथ गुंडों की मदद करने वाले सरकारी कर्मचारियों को भी 3 से 10 साल की सजा हो सकती है। इस एक्ट के तहत सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट का गठन होगा। इससे जुड़े पुराने केसों को भी कोर्ट में ट्रांसफर किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर निर्धारित स्थल के बदले दूसरी जगह भी कोर्ट की कार्रवाई हो सकेगी।
सरकारी बयान में बताया गया कि राज्य विधानसभा का सत्र नहीं चलने के कारण अध्यादेश लाकर नये कानून को लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री रूपानी बुधवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यादेश पर मुहर लगा सकते हैं।