सोशल मीडिया पर एक वीडियो आया है जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रियों के साथ यूपी और उत्तराखंड के पूर्व दिवंगत सीएम एनडी तिवारी के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के दौरान हंसते हुए नजर आ रहे हैं। एनडी तिवारी के पार्थिव शरीर को शनिवार (20 अक्टूबर) की सुबह यूपी विधानसभा में रखा गया था ताकि वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि दे सकें। ट्वीट किए गए वीडियो में देखा जा रहा कि तिरंगे में लिपटे पूर्व दिवंगत सीएम के पार्थिव शरीर के सामने सीएम योगी अपने मंत्रियों से गुफ्तगू करते हुए और हंसते हुए नजर आ रहे हैं। सीएम योगी के साथ अगली पंक्ति में बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन बैठे नजर आ रहे हैं और पीछे यूपी के मंत्री मोहसिन रजा और आशुतोष टंडन दिखाई देते हैं। इस तरह हंसी का वीडियो सामने आने पर सीएम योगी की आलोचना हो रही है और इस घटना को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की श्रद्धांजलि सभा के दौरान मंच पर बीजेपी सरकार दो मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर ठहाके लगाने वाली घटना से जोड़कर देखा जा रहा है।
बता दें पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का गुरुवार (18 अक्टूबर) को दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने शोक व्यक्त किया था। तिवारी 93 वर्ष के थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी उज्जवला और बेटा रोहित शेखर हैं। पिछले वर्ष सितंबर में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसी जुलाई से वह इंटेसिंव केयर यूनिट (आईसीयू) में भर्ती थे। 18 अक्टूबर, 1925 को नैनीताल में जन्मे एनडी तिवारी तीन बार (1976-77, 1984-85 और 1988-89) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके थे और 2002 से 2007 तक वह उत्तराखंड के सीएम रहे थे। चौधरी चरण सिंह की सरकार में वह केंद्रीय मंत्री भी रहे।
After BJP Ministers In MP Laughing At Asthi Kalash Yatra Of Former PM Atal Bihari Vajpayee , CM Of UP Yogi Adityanath Goes One Step Ahead .. Jokes & Laughs With His Folks Next To The Body Of Former UP CM #NDTiwari Which Was Wrapped In Tricolour .. pic.twitter.com/8qIIulJKRr
— Niraj Bhatia (@bhatia_niraj23) October 21, 2018
तिवारी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कैबिनेट का भी हिस्सा रहे थे। 2007 में उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। 2009 में एक यौन मामले में नाम आने पर उन्हें राज्यपाल के पद से हटना पड़ा था। 1952 में वह नैनीताल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बने थे। 1963 में कांग्रेस में शामिल हुए और 1994 में उन्होंने अखिल भारतीय इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) नाम से अपनी पार्टी का बनाई। 1996 में वह फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए। पिछले वर्ष उन्होंने बीजेपी के प्रति भी अपना समर्थन जाहिर किया था लेकिन पार्टी में शामिल नहीं हुए थे।
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