हालिया लोकसभा चुनावों में कश्मीर डिवीजन की तीनों लोकसभा सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस का कब्जा हुआ। वहीं जम्मू और लेह-लद्दाख डिवीजन की तीनों सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की। बीबीसी हिंदी ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला से इस बारे में बातचीत की। हालांकि इस बातचीत में उमर अब्दुल्ला कुछ ऐसा कह गए, जिसे लेकर राजनैतिक पार्टियां उन पर निशाना साध सकती हैं। दरअसल उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर में चरमपंथ संबंधी एक सवाल पर जवाब देते हुए हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी रहे बुरहान वानी को ‘बुरहान वानी साहब’ कहकर संबोधित किया। एक आतंकी के लिए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा इतनी इज्जत दिखाना कई लोगों को नागवार गुजर सकता है।

दरअसल बातचीत के दौरान पत्रकार ने जब उमर अब्दुल्ला से सवाल किया कि हाल ही में आतंकी जाकिर मूसा की मौत हुई है, जिसके चलते कश्मीर 3 दिनों के लिए बंद रहा और इंटरनेट भी बंद रहा, तो इस पर उनका क्या कहना है? इस पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि “पहले के मुकाबले अब काफी फर्क आया है, इससे पहले जब बुरहान वानी ‘साहब’ मरे थे तो कितने दिन के लिए कश्मीर बंद रहा था!” अब्दुल्ला ने ये भी कहा कि कश्मीर के हालात पहले के मुकाबले काफी खराब हुए हैं। बातचीत के दौरान जब उमर अब्दुल्ला से हालिया लोकसभा चुनावों में कश्मीर में हुए कम मतदान पर सवाल किया गया तो नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा कि मतदान प्रतिशत का हमारे चुनाव प्रचार से कोई ताल्लुक नहीं है। मतदान प्रतिशत कम रहने की वजह मोदी साहब की सरकार का कश्मीर के साथ जो बर्ताव रहा है, मतदान प्रतिशत उसका नतीजा है। अब्दुल्ला ने कहा कि साल 2014 में मतदान प्रतिशत 2019 के मुकाबले काफी बेहतर था।

उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर के साथ सौतेला व्यवहार करने का भी आरोप लगाया। साथ ही अब्दुल्ला से जब कश्मीर में धारा 370 और 35ए हटाने के भाजपा के वादे पर सवाल किया गया तो अब्दुल्ला ने कहा कि हम इसके लिए अभी अदालत में लड़ रहे हैं और संसद में भी 370 और 35ए को बरकरार रखने के लिए लड़ते रहेंगे। अब्दुल्ला ने ये भी कहा कि जम्मू और लद्दाख में भले ही भाजपा जीती हो, लेकिन वहां के लोग भी धारा 370 और 35ए हटाने के पक्ष में नहीं है।।