कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अपने आखिरी दौर में है। यहां सभी दलों के नेता प्रचार-प्रसार में कोई कमी नहीं छोड़ रहे। बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सरकार के तमाम मंत्री भी चुनावी रण में अपने पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। 12 मई को होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पिछले लगभग महीने भर से कर्नाटक में चुनावी रैलियां कर रहे हैं। मंगलावर को भी वह राज्य के नेलमंगला विधनसभा में एक चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंचे। यहां अमित शाह मंच पर भाषण दे रहे थे लेकिन भाषण के बीच कुछ ऐसा हुआ कि वह अपनी ट्रांसलेटर पर ही नाराज हो गए। ऐसा एक बार नहीं बल्कि दो बार हुआ, जिसके बाद महिला ट्रांसलेटर को माइक किसी और के हाथों में सौंपना पड़ा।

दरअसल हुआ ये कि मंच पर क्षेत्र के नेताओं के साथ अमित शाह मौजूद थे। वह मंच से हिंदी में भाषण दे रहे थे और वहीं मंच पर खड़ी महिला ट्रांसलेटर उसे कन्नड़ में ट्रांसलेट कर रही थी। मंच से अमित शाह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘अरे रहुल बाबा आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चैलेंज कर रहे हो।’ इसे कन्नड़ में ट्रांसलेट करते हुए ट्रांसलेटर ने नरेंद्र मोदी के साथ कन्नड़ में यशस्वी और विश्वगुरु जैसे विशेषणों का इस्तेमाल कर दिया। ये देख अमित शाह ने वहीं मंच पर अनुवादक को टोकते हुए कहा कि, ‘मैं जो बोल रहा हूं उसे ही अनुवाद करो, अपने मन से मत जोड़ो। मैंने कब विश्वगुरु कहा। ऐसा मत करो।’

अमित शाह के भाषण के वीडियो का स्क्रीनशॉट।

इसके बाद अमित शाह ने फिर से भाषण देना शुरू किया। अमित शाह ने आगे कहा कि, ‘मुझे राहुल गांधी को कोई जवाब देने की जरूरत नहीं है..मैं तो यहां नेलमंगला की जनता को जवाब देने आया हूं।’ इस बार इस बात का अनुवाद करते हुए महिला ट्रांसलेटर भूल गई कि शाह ने क्या कहा था। अमित शाह ने एक बार फिर झल्लाते हुए अपनी बात दोहराई। इसके बाद महिला के हाथों से माइक वहीं पास खड़े एक शख्स ने अपने पास ले लिया और बीजेपी अध्यक्ष की बातें ट्रांसलेट करने लगा।