विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने मंगलवार को ऐलान किया कि अगले 4 महीने या लोकसभा चुनाव खत्म तक वह राम जन्मभूमि मुद्दे को लेकर किसी भी तरह का प्रदर्शन नहीं करेगी। वीएचपी ने यह फैसला तब लिया, जब वह पूरे देश में धर्मसभा का आयोजन कर रही थी और राम मंदिर बनाने को लेकर अध्यादेश लाने की मांग कर रही थी। साथ ही, इस मुद्दे पर पिछले हफ्ते कुंभ मेले में भी धर्मसभा का आयोजन किया गया था।

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से की थी यह मांग : गौरतलब है कि करीब एक सप्ताह पहले मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या में 67 एकड़ जमीन लौटाने की इजाजत मांगी थी, जिसके बाद वीएचपी ने यह सनसनीखेज ऐलान किया। हालांकि, वीएचपी का कहना है कि यह फैसला हाल ही में हुई धर्म संसद में लिया गया है।

यह है वीएचपी का फैसला : विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘‘हम अगले 4 महीने तक किसी भी तरह का धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे। यह फैसला इस वजह से लिया गया, क्योंकि इस वक्त हर किसी को लग रहा है कि चुनाव के दौरान राम मंदिर मुद्दे को लेकर हिंसा हो सकती है। ऐसे में यह चुनावी मुद्दा बन सकता है। इसके चलते यह तय किया गया कि इस मुद्दे को राजनीति से दूर रखना चाहिए।’’

नहीं बदलेगा वीएचपी का निर्णय : राम मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर आलोक कुमार ने कहा, ‘‘हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। यदि कोई आपात स्थिति बनती है तो हम संतों से सलाह लेंगे। अगर कोर्ट के फैसले में देरी होती है तो भी विश्व हिंदू परिषद के निर्णय में बदलाव नहीं आएगा।’’