हाल में भाजपा से जुड़ने वालीं मौसमी चटर्जी सोमवार को सूरत के एक कार्यक्रम में पहुंची। जहां उनकी सलाह ने वहां मौजूद सभी लोगों को हैरान कर दिया। दरअसल कार्यक्रम में पहुंची मौसमी ने एंकर को उनकी ड्रेस के लिए बेतुकी सलाह दी। कार्यक्रम के लिए एंकर ने पैंट्स पहने थे जिसपर मौसमी ने सलाह देते हुए कहा कि आपको कुछ और कपड़े पहन कर आना चाहिए था। गौरतलब है कि नए साल की शुरुआत में ही अमित शाह की मौजूदगी में मौसमी चर्टजी ने भाजपा का दामन थामा था।

क्या बोलीं मौसमी चटर्जी: दरअसल जैसे की कार्यक्रम शुरू तो एंकर ने सभी लोगों को इंट्रोडक्शन दिया। इसके बाद जैसे ही मौसमी का इंट्रोडक्शन हुआ तो माइक लेते ही सबसे पहले मौसमी चटर्जी ने एंकर से कहा कि आप ये कपड़े पहन के आए हो, ये कपड़े सही नहीं हैं। आपको या तो साड़ी ये चुड़ीदार- कुर्ती पैजामा पहन के आना चाहिए था। हालांकि एंकर ने इस मामले पर मीडिया से कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। वहीं एक भारतीय महिला होने के नाते मुझे हक है कि मैं यूथ को सलाह दूं कि कहां क्या पहनना है।

मां की तरह दी समझाइश: बाद में जब मीडिया ने मौसमी से एंकर को सलाह देने पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ये सलाह उन्होंने एक मां की तरह दी थी न कि भाजपा के नेता के तौर पर। इसलिए इसको गलत तरीके से न लिया जाए।

2 जनवरी को भाजपा से जुड़ी: बता दें कि मौसमी ने हाल ही में 2 जनवरी को भाजपा का साथ पकड़ा था। सूरत में कार्यक्रम के दौरान सूरत भाजपा चीफ नितिन भैयाजीवाला, शहर भाजपा सह-अध्यक्ष पीवीएस शर्मा सहित पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद रहे।

सूरत भाजपा का कुछ लेन देना नहीं: द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए इवेंट ऑर्गेनाइजर उमेश मेहता ने कहा कि मैंने सूरत सिटी भाजपा अध्यक्ष नितिन भैयाजीवाला सहित कई अन्य को कार्यक्रम में बुलाया। लेकिन इस कार्यक्रम का सूरत भाजपा से कोई लेना देना नहीं है। वहीं एंकर के बारे में उमेश ने कहा कि वो सूरत की ही रहने वाली है। मैंने अपने जान पहचान से उसे बुलाया था।

मैं पॉलिटिक्स नहीं जानती थी: वहीं पहले कांग्रेस से जुड़े होने पर मौसमी ने कहा कि मैं राजनीति नहीं जाती थी। प्रणब मुखर्जी मेरे ससुर हेमंत मुखर्जी के काफी करीबी थे। एक बार उन्होंने मुझे बुलाया और कहा कि दिल्ली आ जाओ मेरे पास एक काम है। मैं महाबलेश्वर में शूट कर रही थी और अगर में शूट छोड़ती तो मुझे प्रोड्यूसर को पैसे देने पड़ते। ऐसे में उन्होंने कहा कि मैं पैसे दे दूंगा। इसके बाद जब मैं दिल्ली पहुंची तो उन्होंने मुझे कहा कि मुझे उनके लिए कैंपेन करना है और उनके कहने के मुताबिक ही मैं नॉर्थ कोलकाता की सीट से चुनाव में खड़ी हुई। मेरे खिलाफ मोहम्मद सलीम और अजित पंजा थे। लेकिन चुनाव में मुझे हार का सामना करना पड़ा।