BJP MP Attacked his Own Government: भारतीय जनता पार्टी के पीलीभीत सांसद वरुण गांधी आए दिन अपनी ही सरकार पर हमला बोलते रहते हैं। एक बार फिर उन्होंने यूपी पेट की परीक्षा को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। वरुण गांधी ने पीलीभीत के बरखेड़ा ब्लाक में एक जनसभा को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान बीजेपी सांसद ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से प्रारंभिक पात्रता परीक्षा का आयोजन को लेकर कहा कि छात्र साल भर जी लगाकर पढ़ाई करते हैं, तैयारी करते हैं कि इस बार एग्जाम में बेहतरीन कर के आएंगे लेकिन बाढ़ के चलते देश में 35 लाख में से 16 लाख छात्र परीक्षा देने से वंचित रह गए।

बीजेपी सांसद ने इसका जिम्मेदार सरकार को ठहराया है। उन्होंने सरकार पर हमला बोलेते हुए आगे कहा कि क्या आपको पता है कि पिछले 5 सालों में जो रोजगार दिया गया उसमें 80 फीसदी रोजगार संविदा पर दिया गया है। इस देश में कोई भी इंसान संविदा पर काम नहीं करना चाहता है। आपको बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब वरुण गांधी अपनी ही सरकार पर हमलावर हो गए हों। वरुण गांधी बेरोजगारी के मुद्दे पर युवाओं की आवाज बनकर अपनी ही सरकार से सवाल किया करते हैं।

ट्वीट कर बोला था योगी सरकार पर हमला

15 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश में परीक्षा केंद्र पर पहुंचने के लिए जद्दोजहद करते छात्रों की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा कर बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने योगी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होने इन तस्वीरों के कैप्शन में लिखा था, ‘यूपी बाढ़ की चपेट में है और 37 लाख से अधिक छात्र PET की परीक्षा देने निकले हैं। प्रश्न पत्र हल करने से बड़ी चुनौती सेंटर तक पहुंचना है। छात्रों की निरंतर मांग के बाद ही न परीक्षा टाली गई और न यातायात के पुख्ता इंतजाम किए गए। शायद हवाई निरीक्षण से जमीनी मुद्दे नहीं दिखते।’

कांग्रेस ने भी साधा था यूपी की योगी सरकार पर निशाना

उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने भी छात्रों की परीक्षा की अव्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। यूपी कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम ने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो साझा किया था जिसमें कैप्शन में लिखा था कि पेट परीक्षा में 37 लाख फॉर्म भरे गए, जिससे सरकार ने करोड़ों कमाए भी मगर छात्रों के आने जाने के लिए परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं की। छात्र 3 सौ से 4 सौ किलोमीटर दूर सेंटर तक पहुंचने के लिए धक्के खा रहे हैं। धिक्कार है। इसके साथ ही लिखा कि ‘महामानव’ की रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए सरकारी बसों का जमकर इस्तेमाल होता है मगर बेरोजगार अभ्यर्थियों के लिए सरकार के पास कोई सुविधा नहीं होती।