वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री वी नारायणसामी ने सोमवार (6 जून) को पुडुचेरी के दसवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। समुद्र तट के निकट गांधी तिदाल में उपराज्यपाल किरण बेदी ने नारायणसामी और पांच अन्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री के अलावा ए नमाशिवयम, मल्लादी कृष्ण राव, एम ओ एच एफ शाहजहां, एम कंडासामी और आर कमलाकन्नन ने शपथ ग्रहण की। राव ने तेलुगू और अन्य लोगों ने तमिल में शपथ ली। ये सभी इस केन्द्र शासित प्रदेश के पूर्व मंत्री हैं।

नारायणसामी पिछले साल उस वक्त विवादों में आ गए थे जब एक वीडियो में उन्हें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की चप्पल उठाते देखा गया था। 8 दिसंबर, 2015 मंगलवार को पुडुचेरी में राहुल गांधी के दौरे में उनके साथ थे। इसी दौरान जब राहुल ने बाढ़ से प्रभावित एक इलाके में पानी पार करने के लिए चप्‍पल उतारी तो नारायणसामी ने उसे अपने हाथ में उठा लिया था।

इससे पहले पुडुचेरी के मुख्य सचिव मनोज परीडा ने मुख्यमंत्री के रूप में नारायणसामी की नियुक्ति के संबंध में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा जारी अधिसूचना को पढ़ा। शपथ ग्रहण समारोह में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) महासचिव मुकुल वासनिक, एआईसीसी सचिव चिन्ना रेड्डी, डीएमके नेता के स्टालिन और टीएनसीसी अध्यक्ष ई वी के एस एलानगोवन शामिल हुए।

नारायणसामी को 28 मई को 15 सदस्यीय कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया था। पार्टी को द्रमुक के दो विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है। केन्द्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में विधानसभा की 30 सीटें हैं। कांग्रेस नेताओं ने 30 मई को राजनिवास में बेदी से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। नारायणसामी ने उपराज्यपाल बेदी से मुलाकात के दौरान कांग्रेस और द्रमुक विधायकों का समर्थन पत्र भी उन्हें सौंपा। संप्रग सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान संसदीय मामलों के राज्य मंत्री और दूसरे कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री रह चुके 69 वर्षीय नारायणसामी ने पिछले महीने हुए राज्य विधानसभा चुनाव में किसी सीट से चुनाव नहीं लड़ा था इसलिए अब उनके उपचुनाव लड़कर विधानसभा में दाखिल होने का विकल्प चुनना होगा।

विधि स्नातक नारायणसामी ने वर्ष 1973 से लेकर दस वर्षों तक वकालत की और वर्ष 1985 में सक्रिय राजनीति में आए। वह वर्ष 1991 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गये थे, हालांकि वर्ष 1997 में वह राज्यसभा नहीं पहुंच सके। वह वर्ष 2003 में एक बार फिर संसद के ऊपरी सदन में पहुंचने में कामयाब रहे। वर्ष 2007 में पुडुचेरी कांग्रेस समिति (पीसीसी) अध्यक्ष के रूप में उन्होंने बूथ और ब्लॉक स्तर पर समितियों का गठन कर अपनी संगठनात्मक क्षमता का लोहा मनवाया।

राहुल गांधी की चप्पल उठाने पर घिरे थे विवादों में

नारायणसामी पिछले साल उस वक्त विवादों में आ गए थे जब एक वीडियो में उन्हें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की चप्पल उठाते देखा गया था। 8 दिसंबर, 2015 मंगलवार को पुडुचेरी में राहुल गांधी के दौरे में उनके साथ थे। इसी दौरान जब राहुल ने बाढ़ से प्रभावित एक इलाके में पानी पार करने के लिए चप्‍पल उतारी तो नारायणसामी ने उसे अपने हाथ में उठा लिया था।

इसके बाद 68 साल के नारायणसामी ने 45 साल के राहुल के सामने चप्‍पलें रखीं। कांग्रेस उपाध्‍यक्ष ने बिना कुछ कहे चप्‍पलें पहन लीं। इस दौरान हुई घटना के बारे में नारायणसामी ने मीडिया को बाद में बताया कि उन्‍होंने शिष्‍टाचार के नाते राहुल को अपनी चप्‍पल पहनने की पेशकश की थी। उन्‍होंने कहा, ‘जब राहुल ने अपने जूते उतारे तो मैंने शिष्‍टाचार के नाते उन्‍हें अपनी चप्‍पल पहनने के लिए दी। राहुल ने अपने जूते खुद उठाए। यहां तक कि अपने सुरक्षा कर्मचारियों के हाथ में भी नहीं पकड़ाए।’