जामिया मिल्लिया इस्लामिया की पूर्व छात्रा उज्मा खान को छह अमेरिकी यूनिवर्सिटी से पीएचडी के लिए 100 प्रतिशत फैलोशिप ऑफर मिले हैं। उज्मा ने नौ अमेरिकी यूनिवर्सिटी में 100 प्रतिशत फैलोशिप के लिए आवेदन किया था। उज्मा ने जामिया के एप्लाइड साइंसेज विभाग से इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संकाय से वर्ष 2021 में एमएससी इलेक्ट्रॉनिक्स का कोर्स किया है।

उज्मा का शोध क्षेत्र अंडरवाटर वायरलेस कम्युनिकेशन एंड सिग्नल प्रोसेसिंग होगा। उज्मा को अध्यापन सहायक की नौकरी में स्टाइपेंड और ट्यूशन फीस में भी छूट की पेशकश की गई है। फैलोशिप आफर करने वाले छह अमेरिकी विश्वविद्यालयों में लेह, सिनसिनाटी, मैरीलैंड विश्वविद्यालय बाल्टीमोर काउंटी, सनी (स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क) बफ़ेलो, सुनी अल्बानी और न्यू हैम्पशायर विश्वविद्यालय शामिल हैं। उज्मा ने लेह विश्वविद्यालय को चुना है। वह अगस्त 2022 में जाइन करेंगी।

जामिया के बयान में कहा गया है कि खान ने लेह विश्वविद्यालय को चुना है और अगस्त 2022 में शामिल होंगी। उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा एकमुश्त स्थानांतरण भत्ता भी दिया गया है। उज्मा ने कहा “मैं लेह विश्वविद्यालय में शामिल हो रही हूं क्योंकि मेरी शैक्षिक योग्यता और शोध रुचि मेरे संभावित पर्यवेक्षक के साथ पूरी तरह से मेल खाती है”।

विश्वविद्यालय के बयान में कहा गया है कि वह जिस लैब में शामिल होने जा रही हैं – वायरलेस और सिग्नल प्रोसेसिंग लैब, वर्तमान और भविष्य की तकनीकों पर अत्याधुनिक शोध कर रही है और अपने शोध क्षेत्र- अंडरवाटर वायरलेस कम्युनिकेशन और सिग्नल प्रोसेसिंग के लिए सबसे उपयुक्त होगी।

जेएमआई ने कहा कि प्रोफेसरों को ई-मेल भेजने के बाद, जिनके साथ उनकी शोध रुचि मेल खाती है, उन्होंने बाद में उस प्रयोगशाला / विभाग के सदस्यों से बनी एक समिति के साथ तकनीकी साक्षात्कार को मंजूरी दे दी, जिसमें वह जाना चाहती थी।

उज़मा खान ने जामिया में मास्टर्स के दौरान अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था और इसके लिए उन्हें आगामी दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया जाएगा। उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के डीएसटी द्वारा इंस्पायर फेलोशिप के लिए एक अनंतिम प्रस्ताव भी मिला है। इससे पहले, उन्हें टीसीएस और इंफोसिस में सिस्टम इंजीनियर के रूप में रखा गया था, लेकिन उन्होंने इसे जॉइन नहीं किया।