Uttarakhand: उत्तराखंड के चमोली (Chamoli) जिले में जोशीमठ (Joshimath Sinking) में जमीन धंसने से वहां रह रहे लोगों को सुरक्षित जगह ले जाया जा रहा है। बता दें कि जमीन धंसने के चलते करीब 600 से अधिक घरों में दरारें आ गई हैं। जिसकी वजह से वहां रह रहे लोगों को सुरक्षित जगह ले जाया जा रहा है। बता दें कि जोशीमठ संकट के बीच सरकार एनटीपीसी पॉवर प्रोजेक्ट (NTPC Power Project) पर रोक लगा दी है।
सुरंग का जोशीमठ में हुए भूस्खलन से कोई लेना देना नहीं
स्थानीय लोगों का आरोप है कि एनटीपीसी पॉवर प्रोजेक्ट के कार्य के चलते जोशीमठ को नुकसान हुआ है और घरों में दरारें आई हैं। इन आरोपों पर अब एनटीपीसी की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि प्रोजेक्ट में बनाए जा रहे सुरंग का जोशीमठ में हुए भूस्खलन (Landslide) से कोई लेना देना नहीं है।
NTPC- जोशीमठ कस्बे के नीचे से नहीं गुजर रही सुरंग:
गौरतलब है कि सरकारी मालिकाना हक वाली बिजली निर्माता कंपनी एनटीपीसी ने अपने बयान में कहा है कि उसकी तपोवन विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना की सुरंग का जोशीमठ संकट से कोई सरोकार नहीं है। सुरंग (Tunnel) की वजह से भूस्खलन नहीं हुआ है। जोशीमठ के बयान के मुताबिक, “जोशीमठ कस्बे में जमीन धंसने के लिए तपोवन विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना की सुरंग को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। लेकिन साफ किया जाता है कि एनटीपीसी ने जो सुरंग बनाई, वो जोशीमठ कस्बे के नीचे से नहीं गुजर रही।”
कंपनी के मुताबिक इस सुरंग को सुरंग बोरिंग मशीन से तैयार किया गया है और धौलीगंगा नदी पर बनाई जा रही इस परियोजना का काम इस समय काम नहीं हो है।
इन प्रोजेक्ट को रोका गया:
जोशीमठ में भू-धंसाव को घटनाओं के कारण एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट के टनल को बनाने का काम रोका गया है। प्रशासन ने बीआरओ के अन्तर्गत निर्मित हेलंग बाईपास निर्माण कार्य, एनटीपीसी के तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के अन्तर्गत निर्माण कार्य एवं नगरपालिका क्षेत्रान्तर्गत निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इसके साथ ही जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन भी अगले आदेश तक के लिए रोका गया है।