उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार दोपहर बादल फटने से मची भीषण तबाही के बाद राज्य सरकार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गई है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में इंंडियन आर्मी, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें जुटी हुई हैं।

राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि तेज गति से आया सैलाब एक ही पहाड़ी के दो अलग-अलग छोर से बहा—एक धराली की ओर दूसरा सुक्की गांव की ओर। इस बीच, शाम तक बारिश जारी रही जिसके कारण राहत एवं बचाव कार्यों में बाधा आई। मौसम विभाग ने नैनीताल, चंपावत, उधम सिंह नगर, बागेश्वर, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार और देहरादून समेत सात जिलों में भारी बारिश का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। 

इसके अलावा, राज्यभर में भूस्खलन की वजह से सड़कों के अवरुद्ध होने के कारण भी राहत कार्य में अड़चनें आईं और बचावकर्मियों को आपदाग्रस्त क्षेत्र में पहुंचने में कठिनाई हुई। विनोद कुमार सुमन ने बताया कि हर्षिल में मौजूद सेना की एक टीम तत्काल मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया लेकिन खराब मौसम और सड़कों के कारण अन्य स्थानों से टीम को पहुंचने में काफी मुश्किलें आईं।

पुष्कर सिंह धामी ने की महत्वपूर्ण मीटिंग

धराली गांंव में मची भीषण तबाही के तुरंत बाद मंगलवार दोपहर राज्य सरकार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के लिए मिशन मोड में आ गई। राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस विषय में महत्वपूर्ण मीटिंग कर स्वास्थ्य विभाग को तुरंत मेडिकल हेल्प सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर धराली में अचानक आई बाढ़ के बारे में जानकारी ली।

आइए आपको बताते हैं धराली गांव में आई आपदा को लेकर राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए?

विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम रवाना – स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आपदा की गंभीरता को देखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम तत्काल धराली क्षेत्र के लिए रवाना करने के निर्देश दिए हैं। इस टीम में सर्जन, निश्चेतक, फिजीशियन और आर्थोपेडिक सर्जन शामिल हैं। 

अस्पतालों में बेड आरक्षित, चिकित्सकीय अवकाश पर रोक – स्वास्थ्य सचिव ने आपदा प्रबंधन के तहत राज्य के सभी प्रमुख चिकित्सालयों को निर्देश दिए गए हैं कि गंभीर रूप से घायल मरीजों के इलाज के लिए बेड आरक्षित रखें।

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साथ ही, सभी चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है, जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। यह सुनिश्चित किया गया है कि अस्पतालों में दवाओं, सर्जिकल सामग्री और चिकित्सा उपकरणों की कोई कमी न रहे।

108 एंबुलेंस सेवा हाई अलर्ट पर – धराली और आसपास के प्रभावित क्षेत्रों में 108 एंबुलेंस सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इन सेवाओं के माध्यम से घायलों को तत्काल प्राथमिक उपचार देना, उन्हें निकटतम अस्पतालों तक पहुंचाना और संवेदी वर्गों की प्राथमिक चिकित्सा सुनिश्चित करना प्रमुख उद्देश्य है। आसपास के जनपदों से भी एंबुलेंस सेवाओं का समन्वय कर आपदा क्षेत्र में भेजा गया है।

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जिला स्तरीय आपात नियंत्रण कक्ष स्थापित – उत्तरकाशी जिले में 24×7 सक्रिय एक आपात नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। यह नियंत्रण कक्ष राहत और चिकित्सा कार्यों की निरंतर निगरानी करेगा और आवश्यक समन्वय स्थापित करेगा, ताकि किसी भी प्रकार की बाधा को तत्काल दूर किया जा सके।

लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई – स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट किया कि यह एक अत्यंत संवेदनशील और मानवीय आपदा है, जिसमें हर अधिकारी और कर्मचारी से संवेदनशीलता और तत्परता अपेक्षित है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की लापरवाही पाई जाने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

चार लोगों की मौत की पुष्टि

धराली में बादल फटने के कारण खीर गंगा नदी में बाढ़ आने से चार व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी तथा कई मकान और होटल तबाह हो गए। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने घटनास्थल के लिए रवाना होने से पहले चार व्यक्तियों की मृत्यु की पुष्टि की।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली में हुए भारी नुकसान पर दुख जताया और प्रभावितों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि सेना, राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) तथा जिला प्रशासन की टीम राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं। धामी ने कहा कि वह निरंतर वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हैं और स्थिति की नियमित जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

गंंगोत्री के पास है धराली

धराली गंगोत्री धाम से करीब 20 किलोमीटर पहले पड़ता है और यात्रा का प्रमुख पड़ाव है। एक स्थानीय प्रत्यक्षदर्शी राजेश पंवार ने बताया कि खीर गंगा के जल ग्रहण क्षेत्र के उपर बादल फटा जिसकी वजह से नदी में विनाशकारी बाढ़ आ गयी। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दिखाई दे रहा है कि नदी में ऊपर से भारी मात्रा में तेजी से पानी और मलबा आया और देखते ही देखते मकान और होटल उसकी चपेट में आ गए।

क्या – क्या नुकसान हुआ?

उत्तराखंड के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने बताया कि 40 से 50 इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं। उन्होंने बताया कि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर की सेवाएं भी नहीं ली जा सकीं। उन्होंने कहा कि लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि धराली बाजार का एक बड़ा हिस्सा आपदा में बह गया है। एक स्थानीय निवासी  ने बताया कि घटना में संभवत: करीब 20-25 होटल और होमस्टे तबाह हुए होंगे।

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