उत्तराखंड में सड़कों की स्थिति को लेकर विपक्ष बीजेपी सरकार पर निशाना साधता रहता है। चारधाम यात्रा भी चल रही है और 70 से अधिक तीर्थ यात्रियों की मृत्यु हो चुकी है। इसको लेकर भी राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सड़कों को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है और बीच रास्ते में ही वह टूटी हुई सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।

दरअसल हरीश रावत उत्तराखंड से लाल कुआं वाले रास्ते पर जा रहे थे और सड़क पर कई गड्ढे थे। इससे नाराज होकर उन्होंने बीच में ही अपने काफिले को रुकवा दिया और सड़क के बीचो-बीच धरने पर बैठ गए। इस दौरान हरीश रावत ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 15 जुलाई तक सड़क की स्थिति ठीक नहीं हुई और गड्ढे नहीं भरे गए, तो वह पूरे 1 दिन तक चिलचिलाती धूप में बैठकर धरना देंगे।

हरीश रावत ने कहा कि सड़क पर गड्ढे होने के कारण क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानी होती है और सरकार को उन्हें इस परेशानी से निजात दिलाना चाहिए।

हरीश रावत ने आगे कहा कि यह नेशनल हाईवे है और जब हम इस पर धरना देंगे तो रास्ता बंद होगा और अगर हमें उस दौरान सरकार जेल में भेजती है तो हम जेल भी जाएंगे, लेकिन हम इस मुद्दे को उठाते रहेंगे।

बता दें कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा भी चल रही है और मौसम भी चुनौती भरा है। लेकिन पर्यटन विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार चारधाम और हेमकुंड साहिब में 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए हैं। 10 लाख 26 हजार श्रद्धालुओं ने अब तक दर्शन किए हैं। यह आंकड़े 25 मई तक के हैं।

वहीं चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की मौत का सिलसिला भी लगातार जारी है। अब तक 70 से अधिक लोगों की मौत चारधाम यात्रा के दौरान हो गई है। प्रशासन ने चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर का भी इंतजाम किया है और जिसको भी दिक्कत हो रही है और प्रशासन द्वारा उनका चेकअप किया जा रहा है। लेकिन मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है।