उत्तराखंड कांग्रेस में विधानसभा चुनाव के बाद घमासान मचा हुआ है। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत खेमे ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार का ठीकरा फोड़ दिया है। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत ने हरीश रावत पर आरोप लगाया कि उन्होंने विधानसभा चुनाव में भाजपा के इशारे पर कांग्रेस के टिकट बेचे। कई ऐसे लोगों से टिकट के नाम पर पैसे ले लिए जिन्हें टिकट नहीं दिए गए और अब वे अपनी रकम निकालने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।

वहीं प्रीतम सिंह ने कहा कि पार्टी की विधानसभा में हुई हार की समीक्षा की जानी चाहिए। पार्टी आलाकमान ने देहरादून में पिछले दिनों अविनाश पांडे को देहरादून भेज कर पार्टी की हार के कारणों का पता लगाया। अविनाश पांडे की रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आई है। वहीं कांग्रेस में अपने विरोधियों के आरोपों से तिलमिलाए हरीश रावत ने पार्टी आलाकमान से कहा कि उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने टिकट बेचे हैं और पार्टी उनकी वजह से हारी तो उनको पार्टी आलाकमान पार्टी से बाहर निकाले।

रावत ने यह बयान देकर सीधे-सीधे पार्टी आलाकमान को चुनौती दी है। वहीं हरीश रावत ने पार्टी में अपने विरोधियों पर आरोप लगाया है कि उनका राजनीतिक जीवन समाप्त करने के लिए कांग्रेस के कुछ नेताओं ने विधानसभा चुनाव में पार्टी को ही हरा दिया। वहीं हरीश रावत ने सियासतदारों को तब अचरज में डाल दिया जब वे नौ साल बाद अपने कट्टर राजनीतिक विरोधी कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से मुलाकात करने उनके दफ्तर चले गए और उन्होंने इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर साझा किया।

प्रदेश के दो बड़े राजनेताओं की अचानक मुलाकात से राजनीतिक गलियारों में जबरदस्त चर्चा चल पड़ी। विधानसभा चुनाव में हरीश रावत भाजपा नेताओं के लिए सबसे बड़े खलनायक थे। रावत की भाजपा नेताओं से बढ़ती नजदीकी कांग्रेस आलाकमान के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द साबित हो रही है। वहीं दूसरी ओर देखने में आया है कि हरीश रावत पहली बार किसी भाजपा नेता से मिल रहे थे, बल्कि इस बीच छह भाजपा नेता रावत से उनके घर पर जाकर मुलाकात कर चुके हैं।

भाजपा नेताओं से इन मुलाकातों के बारे में पूछे जाने पर हरीश रावत ने बड़े ही नाटकीय अंदाज में जवाब दिया कि …जहां दवा होती है, बीमार को जाना ही पड़ता है। यह कहकर रावत ने उत्तराखंड की राजनीति में कई रहस्यों को जन्म दे दिया है। हरीश रावत ने का कहना है कि कुछ दिन पहले एक शादी समारोह में उनकी सतपाल महाराज से मुलाकात हुई थी। इस दौरान उन्होंने उनसे कोविड बाद की दिक्कतों के बारे में चर्चा की। इसके बाद महाराज ने उन्हें कुछ आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में जानकारी दी और कहा कि वे खुद आकर ये दवाएं दे जाएंगे। रावत ने कहा कि मैं अगर बीमार हूं तो दवा लेने भी मैं खुद आऊंगा।

दरअसल पुष्कर सिंह धामी को कुमाऊं से विधानसभा का उपचुनाव लड़ना है और हरीश रावत का कुमाऊं में अच्छा प्रभाव है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री धामी और भाजपा के अन्य नेता हरीश रावत को अभी से साधने में लगे हैं ताकि मुख्यमंत्री की विधानसभा के उपचुनाव में नैया पार लगाने में हरीश रावत मददगार साबित हो सके। उधर सूत्रों का यह भी कहना है कि अब हरीश रावत अपना राजनीतिक बुढ़ापा सुधारने के लिए भाजपा की और कदम बढ़ा रहे हैं और राज्यपाल पद की जुगाड़ में है।