उत्तराखंड में अपने बेटे की शादी के आयोजन में मुख्यमंत्री को बुलाना पूर्व विधायक को भारी पड़ गया। बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद को बसपा से निष्कासित कर दिया। शहजाद के निष्कासन की जानकारी देेते हुए बसपा के पदाधिकारियों बताया कि अपने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को बुलवाकर मोहम्मद शहजाद ने पार्टी का भरोसा तोड़ा है। ये कार्रवाई राष्ट्रीय नेतृत्व के आदेश पर की गई है।

पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद हाल ही में तीसरी बार 25 जून को बसपा में शामिल हुए थे। शहजाद के निलंबन की जानकारी रविवार को उत्तराखंड में बसपा के प्रदेश महासचिव नत्थू सिंह, सतीश कुमार सिंह, सूरजमल व जिलाध्यक्ष राजेश कुमार ने दी। शिवालिक नगर स्थित प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा,”शहजाद ने पार्टी का भरोसा तोड़ा है। पूर्व विधायक भाजपा के संपर्क में थे। शहजाद ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन मायावती से पहले हुई गलतियों की माफी मांगी थी। जिसके बाद उन्हें पार्टी में शामिल किया गया था। पूर्व विधायक को चार साल में तीसरी बार निष्कासित किया गया है।”

पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि शहजाद ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनकी सरकार के सहयोगियों को अपने यहां बुलाया। ये पार्टी के साथ विश्वासघात है। वे पार्टी को कमजोर कर रहे हैं। इसे नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है। इस दौरान पूर्व विधायक हरिदास भी मौजूद रहे।

 

निलंबित बसपा नेता मोहम्‍मद शहजाद के बेटे की शादी में आशीर्वाद देते सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत। फोटो- Facebook

वहीं खुद के निलंबन पर सफाई देते हुए पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद ने कहा,”मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया है जो पार्टी लाइन के खिलाफ हो। 25 जून को बसपा में वापस आया था। इस बीच कौन सा चुनाव हुआ, जिसमें मैंने पार्टी से विश्वासघात कर दिया। मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश के हैं। सार्वजनिक जीवन में हूं, सभी से रिश्ते बनते हैं। अगर उन्हें न्यौता दिया तो गलत क्या किया?