Joshimath Uttarakhand Crack: जोशीमठ में बारिश और बर्फबारी के बाद दरार पड़े मकानों और जमीन की दरारें और चौड़ी होनी शुरू हो गई हैं जिससे लोगों की परेशानियां और बढ़ गई हैं। दरार पड़े मकानों के गिरने का खतरा और अधिक बढ़ गया है। वहीं जेपी कालोनी में हो रहे भूजल की निकासी की गति भी और अधिक बढ़ गई है। एक रोज पहले जेपी कालोनी में पहले भूजल की निकासी मात्रा 150 एलपीएम हो रहा था, जो अब 250 एलपीएम दर्ज किया गया है।

बर्फबारी के कारण फिलहाल भवनों के तोड़ने का काम रोक दिया गया

आपदा प्रबंधन सचिव डा रंजीत सिन्हा ने बताया कि बारिश के कारण भू जल निकासी का स्तर बढ़ गया है। भूवैज्ञानिक इसकी जांच में जुटे हुए हैं उनकी रिपोर्ट आने के बाद और स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। बर्फबारी के कारण फिलहाल भवनों के तोड़ने का काम रोक दिया गया। चमोली के अपर जिलाधकारी ललित नारायण मिश्रा का कहना है कि मौसम साफ होने पर दरार पड़े भवनों के गिराने का काम शुरू कर दिया जाएगा और इस प्रक्रिया में कई भवनों को चिह्नित किया गया है।

दरार वाले भवनों की संख्या 863 हुई, 181 भवन पूरी तरह से असुरक्षित घोषित

समाजसेवी और सामाजिक कार्यकर्ता अतुल सती का कहना है कि जोशीमठ में बीते दिन जो बर्फबारी और बारिश हुई उससे जोशीमठ में जमीन के भू-धंसाव की घटनाएं और ज्यादा बढ़ेंगी, क्योंकि मौसम खुलने के साथ ही बर्फ के पिघलने का काम शुरू हो गया है। बर्फ पिघलने पर तेजी के साथ और अधिक पानी जोशीमठ में जमीनों मकानों में जो दरारें पड़ गई हैं उनमें जा रहा है जिससे हालात और बिगड़ने वाली स्थिति में पहुंच रहे हैं। वहीं अब जोशीमठ में मकानों में दरार पड़ने वाले भवनों की तादाद बढ़कर 863 हो चुकी है और 181 भवन पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर दिए गए हैं।

जोशीमठ में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी भू-धंसाव की चपेट में आया

वहीं दूसरी ओर जोशीमठ में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी भू-धंसाव की चपेट में आ गया है। बदरीनाथ की तरफ जाने वाले इकलौते राष्ट्रीय राजमार्ग में कई जगहों पर एक से दो मीटर तक दरारें आई हैं। प्रशासन इस राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत के कार्य के लिए कार्य योजना बनाने में जुटा है ताकि दो ढाई महीने बाद शुरू होने वाली बदरीनाथ यात्रा से पहले ही इस राष्ट्रीय राजमार्ग को ठीक किया जा सके।

जोशीमठ में मुख्य बाजार लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह के नजदीक तथा भारतीय स्टेट बैंक के पास, जेपी कालोनी तथा मारवाड़ी में 1 से 2 मीटर की दरारें कई भवनों और जमीनों में आ गई हैं। मुख्य बाजार में लोनिवि गेस्ट हाउस के नीचे, जेपी कालोनी और मारवाड़ी में भी एक से दो मीटर तक की दरारें आई हैं।

रुड़की आइआइटी के सिविल विभाग के प्रोफेसर तथा मिट्टी के जानकार प्रोफेसर सत्येंद्र कुमार मित्तल का कहना है कि जोशीमठ में बर्फबारी के बाद हालात और ज्यादा बिगड़ने की आशंका है, क्योंकि बर्फबारी से पहले मकानों और जमीनों की दरारों पर बरसात का पानी गया और अब जब बर्फ पिघलेगी तब हालात और भी बदतर हो जाएंगे।