कई बार पुलिस फरार या संदिग्ध अपराधियों को पकड़ने के लिए इनाम या रिवॉर्ड की घोषणा करती है। इनाम की यह राशि अलग-अलग अपराधियों के लिए अलग-अलग होती है ताकि लोग पैसों के लालच में ही सही अपराधियों के बारे में पुलिस को जानकारी दें। पर, उत्तराखंड की पुलिस ने तीन संदिग्धों की जानकारी देने के लिए इनाम की जितनी राशि रखी है वह हैरान करने वाली है।
उधम सिंह नगर पुलिस ने जिले में हाल ही में हुई झड़प से जुड़े तीन संदिग्धों की सूचना देने वालों के लिए 5-5 रुपये के इनाम की घोषणा की है। पुलिस का कहना है कि यह पहल फरार संदिग्धों का मनोबल गिराने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है, जिसका उद्देश्य ‘अपराधियों को उनकी असली औकात दिखाना’ है।
रुद्रपुर के जसवीर सिंह, दिनेशपुर के मनमोहन सिंह और रामपुर ( उत्तर प्रदेश ) के साहब सिंह पर 5 रुपये का इनाम रखा गया है। इस महीने की शुरुआत में जाफरपुर गांव में दो समूहों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से तीनों फरार हैं। इस झड़प में लगभग 40 राउंड फायरिंग हुई थी, जिसमें आठ लोग घायल हो गए थे।
उनके खिलाफ बड़ा इनाम होने का गुणगान गाते हैं अपराधी
रुद्रपुर एसपी (सिटी) मनोज कात्याल ने कहा, “जब भी कोई अपराध होता है तो लोगों को प्रेरित करने के लिए पुलिस इनाम के तौर पर बड़ी रकम की घोषणा करती है। हालांकि, जब हम ऐसा करते हैं तो अपराधी अपनी योग्यता का बखान करते हैं और उसका महिमामंडन करते हैं। यह अपराधियों के लिए स्टेटस सिंबल बन जाता है और इसका इस्तेमाल करके वे लोगों से पैसे ऐंठने लगते हैं। उन्हें हतोत्साहित करने और उनकी असली औकात दिखाने के लिए हमने यह कदम उठाया है।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या इतना कम इनाम लोगों को सूचना देने से हतोत्साहित करेगा तो कात्याल ने स्पष्ट किया कि यह इनाम मुख्य रूप से पुलिस टीमों को प्रेरित करने के लिए है, जिनके लिए इनाम की राशि महत्वपूर्ण नहीं है।
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अपराधी को छोटा महसूस कराना चाहती है पुलिस
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उधम सिंह नगर के एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने कहा कि यह कदम उनके दिमाग की उपज है। मिश्रा ने कहा, “हम चाहते हैं कि पुलिस की कार्रवाई से सुधार आए लेकिन कुछ अपराधी अपने जीने के तरीके को बदलना नहीं चाहते हैं और जब उनके लिए बड़े इनाम की घोषणा की जाती है तो वे गर्व महसूस करते हैं। हमारा लक्ष्य सिर्फ़ दंड देना नहीं बल्कि सुधार लाना भी है और इसका एक तरीका उन्हें महत्वहीन महसूस कराना है। इस इनाम की घोषणा के बाद से मुझे उनके रिश्तेदारों से फ़ोन आए हैं, जिसमें कहा गया है कि 5 रुपये का इनाम उनके लिए बेहद शर्मनाक है जो बिल्कुल सही था।”
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इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, लेखक और सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजेश कुमार पांडे, जो उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी-एसटीएफ) और यूपी आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के संस्थापक सदस्य भी हैं, उन्होंने कहा कि उनके अनुभव के आधार पर, यह दृष्टिकोण सराहनीय है क्योंकि इनाम का उपयोग इन अपराधियों द्वारा अपराध की दुनिया में अपने बाजार मूल्य को बढ़ाने के लिए किया जाता है।