Uttarakhand Panchayat elections: उत्तराखंड निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया । प्रदेश के निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि प्रदेश के 12 जिलों में तीन चरणों में 6 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक पंचायत चुनाव होंगे। इसके साथ ही राज्यभर में चुनावी आचार्य संहिता लागू हो गई है। हालांकि हरिद्वार जिले में चुनाव नही हो रहे तो वहां एमसीसी लागू नही होगा। कुल 89 विकासखंडों में त्रिस्तरीय पंचायतों में 66640 पदों के लिए तीन चरण में चुनाव कराए जाएंगे। चुनाव क्रमश: 6 अक्टूबर, 11 अक्टूबर और 16 अक्टूबर को मतदान होगा। चुनाव प्रक्रिय की शुरुआत 20 सितंबर को नामांकन पत्र दाखिल होने के साथ होगी। चुनावों के परिणाम 21 अक्टूबर को घोषित होंगे।
सरकार ने दी राज्य में पंचायत चुनाव की अनुमति: दरअसल हाईकोर्ट में राज्य निर्वाचन आयोग और सरकार के बीच काफी समय से रस्साकसी चल रही थी। राज्य सरकार द्वारा पंचायतों में आरक्षण का निर्धारण करने के बाद राज्य चुनाव आयोग को इसकी जानकारी दे दी गई थी। जिसके बाद आयोग ने चुनाव का प्रस्ताविक कार्यक्रम सरकार को भेजा। जिस पर सरकार ने भी अपनी अनुमति दे दी है।
तीन चरण में होगें चुनाव: छह अक्टूबर को होने वाले प्रथम चरण के चुनाव के लिए 29 सितंबर को चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाएंगे। 11 अक्टूबर के द्वितीय चरण के चुनाव के लिए चुनाव चिन्ह चार अक्टूबर और अंतिम चरण के लिए चुनाव चिन्ह नौ अक्टूबर को आवंटित किए जाएंगे। मतगणना 21 अक्टूबर को सुबह आठ बजे से होगी और इसी दिन शाम से परिणाम भी आने लगेंगे।
Uttarakhand Election Commission: Panchayat elections will be held in 12 districts of the state, except Haridwar, in three phases from October 6 to October 16. Model code of conduct comes into effect. pic.twitter.com/fuFTw24w6t
— ANI (@ANI) September 13, 2019
जिलों में 16 सितंबर को जारी होगी अधिसूचना: राज्य चुनाव आयोग की अधिसूचना जारी होने के बाद संबंधित जिलाधिकारी व जिल निर्वाचन अधिकारी 16 सितंबर को अधिसूचना जारी करेंगे। ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य व क्षेत्र पंचायत सदस्य पदों के लिए नामांकन दाखिल करने से लेकर मतगणना तक की सभी प्रक्रिया विकासखंड मुख्यालयों में होगी। अलबत्ता, जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए नामांकन पत्र दाखिला, जांच, नाम वापसी, चुनाव चिह्न आवंटन संबंधी कार्य जिला पंचायत मुख्यालयों पर होंगे।