उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को बड़ी कारवाई करते हुए देहरादून के जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रशांत जोशी को निलंबित कर दिया है। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल हीरा सिंह बोनाल के द्वारा इस संबंध में उच्च न्यायालय के मुख्य कार्यवाहक न्यायाधीश रवि मलिमठ के आदेश पर एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
जिला जज प्रशांत जोशी पर यह आरोप है कि वह धोखाधड़ी समेत कई अन्य संगीन मामलों के आरोपी की कार लेकर मसूरी कैम्प गए थे। रजिस्ट्रार के द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि देहरादून के जिला जज प्रशांत जोशी ने 21 और 22 दिसंबर को मसूरी में आयोजित कैंप कोर्ट में जाने के लिए अपने सरकारी वाहन की बजाय एक ऑडी कार का इस्तेमाल किया था। साथ ही न्यायाधीश प्रशांत जोशी ने उस ऑडी कार पर जिला जज का बोर्ड भी लगा दिया और उसे मसूरी स्थित हाईकोर्ट के बाहर खड़ा कर दिया।
जबकि यह ऑडी कार केवल कृष्ण के नाम से पंजीकृत है। केवल कृष्ण के खिलाफ देहरादून के राजपुर थाने में आईपीसी की धारा 420 ,467,468 सहित कई अन्य मामलों में एफआईआर दर्ज है। साथ ही रजिस्ट्रार के द्वारा जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि जिला ज़ज प्रशांत जोशी का यह कदम अनुशासनहीनता के दायरे में आता है।
यह उत्तराखंड कर्मचारी आचरण नियमावली का भी उल्लंघन है। हालांकि ऑडी कार के मालिक केवल कृष्ण ने अपने खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को निरस्त कराने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। रजिस्ट्रार के द्वारा जारी सूचना के अनुसार निलंबन की अवधि में जिला जज प्रशांत जोशी को आधी तनख्वाह ही दी जाएगी।
साथ ही उन्हें निलंबन की अवधि में रुद्रप्रयाग जिला कोर्ट से संबद्ध कर दिया गया है और उन्हें बिना अनुमति के कहीं भी बाहर नहीं जाने को कहा गया है। ज्ञात हो कि पूर्व में भी उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने न्यायिक अधिकारियों के भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कई मामलों में कड़ी करवाई की है।
2019 में भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपित उधम सिंह नगर की सिविल जज को भी बर्खास्त कर दिया गया था। इसके अलावा राज्य में एक आधार आचरण और सेवा नियमावली को भी बनाया गया है।