कुछ दिनों की राहत के बाद उत्तराखंड के जंगल फिर धधकने लगे हैं, जिससे उत्तराखंड के लोगों में फिर से दहशत फैल गई है। उत्तराखंड सूबे के गढ़वाल मंडल के सीमांत जिले उत्तरकाशी में वरुणावत्त पर्वत के जंगल में आग लगने से दस हैक्टेयर क्षेत्रफल में बना श्याम स्मृति वन का आधे से ज्यादा हिस्सा जलकर खाक हो गया है। आग बुझाने के चक्कर में वन विभाग के दो कर्मचारी घायल हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर-पौड़ी सड़क मार्ग के जंगलों में भी भारी आग फैल गई है।
वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पत्रकारों से बात करते हुए केंद्र सरकार से जंगलों की आग से हुए नुकसान और सूखे के कारण खेती के नुकसान की भरपाई के लिए आर्थिक सहायता देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र में सूखे से हुए नुकसान के लिए मदद की है, वैसे ही उत्तराखंड की मदद करें। रावत ने कहा कि जंगलों में लगी आग से पानी के कई प्राकृतिक स्रोत सूख गए हैं। जिससे राज्य में पेयजल का भी संकट खड़ा हो रहा है। मुख्यमंत्री रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उत्तराखंड के प्रति दरियादिली दिखाने की अपील करते हुए कहा कि पानी के संकट से निपटने के लिए केंद्र को कैंपा के तहत राज्य को आर्थिक मदद देनी चाहिए।
सूबे के जंगलात मंत्री दिनेश अग्रवाल ने बताया कि उत्तरकाशी के वरुणावत्त पर्वत और पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर क्षेत्र में फैली आग को बुझाने के लिए जंगलात विभाग की विशेष टीमों को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि चार हजार से ज्यादा कर्मचारी आग बुझाने में लगाए गए हैं। वन मंत्री ने बताया कि उत्तरकाशी के वरूणावत्त पर्वत में बीती रात जंगल में आग लगने की खबर मिली थी। जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने आग बुझाने के लिए एक विशेष टीम भेजी।
वहीं दूसरी ओर उत्तरकाशी के रहने वाले नवप्रभात का कहना है कि बीती रात वरुणावत्त पर्वत के जंगल रातभर धधकते रहे, परंतु वन विभाग का कोई भी कर्मचारी सुबह तड़के तक मौके पर नहीं पहुंचा था। खुद ही ग्रामीणों ने आग बुझाने के प्रयास किए। जंगलात विभाग की टीम सुबह काफी देर से पहुंची। आग उत्तरकाशी क्षेत्र के कई घरों तक पहुंच गई थी। आग बुझाने को लेकर दो कर्मचारी रामसिंह रावत और प्रताप पोखरियाल आग से झुलसकर घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए जिला सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया।
वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर-पौड़ी सड़कमार्ग में एक सरकारी गेस्ट हाउस के पास गढौली के जंगल में लगी आग मिट्टी तेल और गैस गोदाम के पास तक पहुंच गई थी। फायर ब्रिगेड और पुलिस वालों की मदद से स्थानीय गांव वालों ने चार घंटे की कड़ी मेहनत के बाद आग पर काबू पाया। पौड़ी गढ़वाल के डीएफओ के मुताबिक श्रीनगर के नापखेत, छातीखाल और कलियासौढ़ के जंगलों में आग फैल गई थी। किसी स्थानीय व्यक्ति ने जंगल में यह आग लगाई, जिसकी तलाश जारी है। उन्होंने कहा कि आग पर काबू पा लिया गया है।
उधर नई टिहरी के जंगलों के कुछ क्षेत्रों में आग लगने की खबर मिल रही है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बताया कि आग बुझाने वाले कर्मचारियों की संख्या चार हजार और बढ़ाई गई है। इस तरह राज्य में दस हजार कर्मचारी आग बुझाने में लगे हुए हैं। साथ ही ये कर्मचारी जंगलों की गश्त कर रहे हैं, ताकि जंगलों में आग लगाने वालों पर कड़ी निगाह रखी जा सके।