उत्तराखंड के कांग्रेस विधायक ने भाजपा के खिलाफ हुंकार भरी है। हरीश धामी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमने फिरंगियों को भगा दिया तो मुट्ठी भर बीजेपी के भगवाधारी क्या हैं। कांग्रेस विधायक ने कहा, ‘बीजेपी को संदेश जाना चाहिए कि कांग्रेस अभी मरी नहीं है। ये वही कांग्रेस है जिसने फिरंगियों को देश से भागया तो मुट्ठी भर बीजेपी के भगवाधारी कुछ नहीं हैं। इन साधु-संतों को इनकी औकात बतानी होगी।’ कांग्रेस विधायक का बयान सामने आते ही लोगों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगीं। हेमंत कोठारी ने ट्वीट किया, ‘कांग्रेसी जिसने अंग्रेजों की गुलामी और फिर सत्ता की मलाई खाई। जो लड़े, जो मरे वो शहीद हो गए, जो डरे, जो झुके वो वजीर हो गए।’ गोविंद शर्मा ने लिखा, ‘बीजेपी पर हमला तो ठीक है। ये साधु-संतों को औकात दिखानी होगी? पागल हो गए हैं या आजकल नशा ज्यादा शुरू कर दिया है।’ विवेक शर्मा ने ट्वीट किया, ‘कांग्रेस को किसी दुश्मन की जरूरत नहीं, इनके नेता ही बहुत हैं।’ रविंद्र कुमार ने लिखा, ‘…तो कांग्रेस को वर्ष 2014 में मुट्ठी भर लोगों ने भगा दिया?’ अविनाश शर्मा ने टिप्पणी की, ‘कांग्रेस की स्थापना किसने की थी- भारतीय ने या अंग्रेज ने? देश को तीन टुकड़ों में किसने बांटा था।’ सुप्रिया शहगल ने ट्वीट किया, ‘यह बात साबित हो गई है कि कांग्रेस में कुछ लोग भाजपा के लिए काम कर रहे हैं।’
BJP ko sandesh jaana chahiye ki Congress abhi mari nahi hai. Ye wahi Cong hai jisne firangiyon ko desh se bhagaya to mutthi bhar BJP ke bhagwadhari kuch nahi. In sadhu santon ko inki aukat batani hogi: Congress Uttarakhand MLA Harish Dhami pic.twitter.com/8L0cHb9DMl
— ANI (@ANI) January 30, 2018
हरीश धामी का विवादों से पुराना नाता रहा है। उन्हें 2007 के एक मामले में वर्ष 2013 में जेल भी जाना पड़ा था। हाई कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की गई थी। इससे पहले कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी ठुकरा दी थी। साधु-संतों को लेकर उत्तराखंड के कांग्रेस विधायक का यह बयान ऐसे समय आया है जब पार्टी इस साल आठ राज्यों में विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी है। कर्नाटक में कांग्रेस का मुकाबला सीधे भाजपा से है। मालूम हो कि पिछले साल उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा था। चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पार्टी पार्टी में गुटबाजी से मुकाबला करना पड़ा था। इसी का नतीजा था कि विधानसभा में कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी थी। भाजपा ने जीत हासिल की थी।