भाजपा सांसद तरुण विजय और दलित समुदाय के लोगों पर शुक्रवार (20 मई) को देहरादून में हुए हमले ने तूल पकड़ लिया है। इस कांड को लेकर उत्तराखंड के राज्यपाल डा कृष्णकांत पाल ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए इस पूरे घटनाक्रम के लिए प्रशासन को दोषी ठहराया है। राज्यपाल ने कहा कि यह घटनाक्रम प्रशासन की घोर लापरवाही और कमजोर सुरक्षा व्यवस्था का दुष्परिणाम हैं। राज्यपाल ने घटना के 24 घंटे बाद भी दोषियों की गिरफ्तारी न हो पाने पर आश्चर्य जताया है। घटना को निंदनीय और चिंताजनक बताते हुए राज्यपाल ने सूबे के मुख्यमंत्री हरीश रावत को दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने और दलित समुदाय की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं। राज्यपाल ने मैक्स हास्पिटल में जाकर तरुण विजय का हाल-चाल भी जाना। मुख्यमंत्री हरीश रावत भी जिले के आलाधिकारियों के साथ तरुण विजय का हालचाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने हमलावरों को पकड़ने के जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दिए। तरुण विजय और दलित समुदाय के लोगों पर हुए हमले को लेकर भाजपा और दलित समुदाय के विभिन्न संगठनों ने हरीश रावत सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री खजानदास ने कहा कि रावत सरकार में दलित समुदाय और दलित समुदाय के समर्थक सुरक्षित नहीं हैं। तरुण विजय और दलित समुदाय के लोगों पर जौनसार बाबर चकरौता क्षेत्र के पोखरी गांव में शिल्गुर देवता के मंदिर परिसर में हुए जानलेवा हमले ने सूबे की कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है। वहीं देहरादून में भाजपा के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया। हरीश रावत का पुतला फूंका गया और इस कांड के लिए रावत सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया।

मैक्स अस्पताल में भर्ती तरुण विजय ने शनिवार (21 मई) को हाथ से लिखा एक पत्र जौनसार बाबर क्षेत्र के लोगों के नाम जारी करते हुए कहा कि समाज में समरसता रहनी चाहिए। समाज के किसी भी वर्ग के लोगों के साथ विभाजनकारी भेदभाव नहीं होना चाहिए। समाज को सुदृढ़ करने में कुछ लोग अड़चन पैदा करते हैं। तरुण विजय ने कहा कि ‘समाज के लोग खासकर गांव के लोग अत्यंत सरल होते हैं। जौनसार बाबर क्षेत्र में मैंने इसे प्रत्यक्ष अनुभव किया है, जहां लोगों ने मुझे और मेरे साथियों को देवडोली के प्रांगण तक आने दिया, परंतु कुछ लोगों ने षडयंत्र के तहत नारेबाजी कर तनाव पैदा किया और मुझे और मेरे साथियों को शारीरिक रूप से क्षति पहुंचाई।’

उधर घटनास्थल पोखरी गांव से लौटे देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद दाते ने बताया कि पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में तीन लोगों को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ जारी है। पुलिस ने शनिवार (21 मई) को चकरौता जौनसार के कई इलाकों में दबिश दी। इस मामले के मुख्य आरोपियों को पकड़ने में अभी पुलिस कामयाब नहीं हो सकी है। पोखरी गांव में ऊंची जाति के लोगों ने शिल्गुर देवता के मंदिर में दलितों के साथ दर्शन करने गए भाजपा सांसद तरुण विजय और दलित समुदाय के लोगों पर जमकर पथराव किया। इसमें तरुण विजय और दलित समुदाय के कई लोग घायल हो गए।