नैनीताल जिले के तहत आने वाले भीमताल की एक शांत पहाड़ी सोसाइटी के निवासियों ने अवैध व्यवसायीकरण और प्रशासनिक धोखाधड़ी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। खासकर एअरबिएनबी जैसी किराए की इकाइयों के संचालन को लेकर। रक्षा रिट्रीट के निवासियों का आरोप है कि ये बिना उचित पंजीकरण, सुरक्षा स्वीकृति या उत्तराखंड होमस्टे पालिसी का पालन किए चलाए जा रहे हैं। व्यावसायिक गतिविधियों के कारण सोसाइटी में पार्किंग की भारी कमी हो गई है, जिससे निवासियों को असुविधा हो रही है।

एक निवासी द्वारा की गई शिकायत के अनुसार, कई संपत्तियों को एअरबिएनबी जैसी किराए की इकाइयों के रूप में चलाया जा रहा है, जो होमस्टे पालिसी का उल्लंघन है। इस नीति के तहत, मेजबानों को उसी स्थान पर रहना होता है और पुलिस सत्यापन, अग्नि सुरक्षा स्वीकृति और बुनियादी स्वच्छता प्रमाणपत्र प्राप्त करना अनिवार्य है।

नहीं पूरी हो रही कोई शर्त

निवासियों के अनुसार, इनमें से कोई भी शर्त पूरी नहीं की गई है। सामुदायिक उपयोग और पर्यावरण संरक्षण के लिए आरक्षित हरित क्षेत्रों पर कथित तौर पर अतिक्रमण कर उन्हें एअरबिएनबी मेहमानों के लिए पार्किंग में बदल दिया गया है। इससे हर्बल गार्डन, वनस्पति को नुकसान पहुंचा है और रास्ते अवरुद्ध हुए हैं।

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निवासियों ने अपनी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्लूए) की कार्यकारी समिति पर अवैध रूप से चुने जाने और पर्यावरणीय तथा आवासीय नियमों के उल्लंघन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। यह विवाद अब नैनीताल के उप-जिलाधिकारी के समक्ष उठाया गया है। यह विवाद मुख्य रूप से 22 अप्रैल 2023 को हुए कार्यकारी समिति के चुनाव को लेकर है। रिटर्निंग आफिसर ने दावा किया कि 70 निवासियों ने इसमें भाग लिया, लेकिन निवासियों का कहना है कि उपस्थिति के लिए दो-तिहाई कोरम यानी 76 लोगों की आवश्यकता थी, जो पूरा नहीं हुआ।

उपनियमों के अनुसार यह कोरम अनिवार्य है। उप-जिलाधिकारी ने चुनाव अधिकारी द्वारा किसी भी कार्यकारी कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

निवासियों की मांगें

1. तथाकथित आवासीय समिति को भंग करना।

2. एक तटस्थ प्रशासक नियुक्त करना।

3. एक पूरी वित्तीय जांच कराना।

4. सभी एअरबिएनबी गतिविधियों पर तब तक रोक लगाना जब तक सभी प्रासंगिक नियमों और कानूनों का पालन सुनिश्चित नहीं हो जाता।

5. निवासियों का कहना है कि रक्षा रिट्रीट सोसाइटी कभी किराए पर देने के लिए नहीं बनाई गई थी और व्यवसायीकरण इसकी मूल भावना के खिलाफ है, जिससे उनके लिए कई परेशानियां खड़ी हो गई हैं।